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Himachal Vidhan Sabha: मुख्‍य सचिव बदलने पर विपक्ष का सदन में हंगामा, नेता प्रतिपक्ष पर तीखी टिप्‍पणी

Himachal Pradesh Vidhan Sabha नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के बाद प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत मामला उठाया कि प्रदेश सरकार हर 6-6 महीने में मुख्य सचिव बदल रही है। ऐसे प्रदेश कैसे चलेगा। विपक्ष द्वारा उठाए गए मामले के बाद सदन में गहमागहमी शुरू हो गई।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 11:14 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 03:38 PM (IST)
Himachal Vidhan Sabha: मुख्‍य सचिव बदलने पर विपक्ष का सदन में हंगामा, नेता प्रतिपक्ष पर तीखी टिप्‍पणी
मुख्य सचिव बदलने पर कांग्रेस ने किया वाकआउट कर दिया।

शिमला, राज्‍य ब्‍यूरो। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक शुरू हुई। लेकिन प्रश्‍नकाल के बाद गहमागहमी शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के बाद प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत मामला उठाया कि प्रदेश सरकार हर 6-6 महीने में मुख्य सचिव बदल रही है। ऐसे प्रदेश कैसे चलेगा। विपक्ष द्वारा उठाए गए मामले के बाद सदन में गहमागहमी शुरू हो गई। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार विपक्षी सदस्यों को शांत करवाते रहे कि वह अपनी सीटों पर बैठ जाएं। विपिन सिंह परमार ने कहा सरकार को किसे जिम्मेदारी सौंपनी है यह सरकार का विशेषाधिकार है सरकार जिस अधिकारी को चाहेगी वहां लगा सकती है।

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मुकेश अग्निहोत्री ने कहा सरकार ने सत्ता में आने के बाद आईएएस अधिकारी बीके अग्रवाल को मुख्य सचिव बनाया। उसके बाद उन्हें हटाकर दिल्ली भेज दिया। उसके बाद श्रीकांत बाल्दी को मुख्य सचिव बनाया। फिर श्रीकांत बाल्‍दी को पद से हटाया और अनिल खाची को मुख्य सचिव बनाया। अब अनिल खाकी को हटाकर राम सुभाग सिंह को मुख्य सचिव बनाया है, यह प्रदेश में क्या चल रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मुकेश को लेकर कहा कि आप आज गर्मी में हैं। पहले कभी इस तरह से आपको उग्र स्थिति में नहीं देखा है आप बैठ जाएं। परमार अपने आसन से खड़े होकर कांग्रेस विधायकों को चेतावनी दी कि विपक्ष तय नहीं करेगा कि प्रदेश का मुख्य सचिव कौन होगा। न ही यह विषय विधानसभा में उठाने योग्य है। प्रदेश सरकार का विशेषाधिकार है कि वह किसी भी अधिकारी को प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त कर सकती है। विपिन परमार ने यहां तक कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। तब भी यह चल रहा था। इसी तरह से नियुक्तियां होती थी। इसलिए मैं सदन में इस प्रकार से चर्चा करने और मामला उठाने की इजाजत नहीं दूंगा। मुख्य सचिव को हटाए जाने का मामला सदन में नहीं उठाने देने के लिए कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉक्‍टर राजीव बिंदल सरकार के पक्ष में खड़े हुए। डॉक्टर बिंदल ने समर्थन किया कि सरकार का विशेषाधिकार है कि वह किस अधिकारी को मुख्य सचिव नियुक्त करे। किस अधिकारी को किस पद पर लगाना है। यह विशेषाधिकार सत्तारूढ़ सरकार इस्तेमाल करती रही है। इसी प्रकार से प्रदेश की मौजूदा सरकार सुचारू प्रशासन चलाने के लिए निर्णय ले रही है।

जयराम ठाकुर ने साधा निशाना

सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि हमने आपकी तरह एक्सटेंशन प्रदान नहीं की, कौन व्यक्ति कहां लगेगा, किस अधिकारी को क्या जिम्मेदारी देनी है, यह सरकार तय करेगी। किस अधिकारी से क्या काम लेना है यह सरकार देखेगी। कांग्रेस विधायक बेवजह मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने मुख्य सचिव अनिल खाची से चर्चा कर सलाह कर ही यह निर्णय लिया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में तो छठे नंबर के अधिकारी को मुख्य सचिव बना दिया गया। वरिष्ठता के आधार पर जो अधिकारी योग्य था उसे किनारे कर दिया गया था।


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