शिक्षा गुणवत्ता में 839 अंक के साथ हिमाचल प्रदेश को मिला ग्रेड-1, ये तीन राज्य आगे बढ़े
Himachal Pradesh Ranking in Education शिक्षा की गुणवत्ता में हिमाचल ने 839 अंक के साथ ग्रेड-1 हासिल किया है। पिछले साल की अपेक्षा हिमाचल ने इस बार गुणात्मक शिक्षा में काफी सुधार किया है। हिमाचल ने 1000 में से 839 अंक हासिल किए हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Ranking in Education, शिक्षा की गुणवत्ता में हिमाचल ने 839 अंक के साथ ग्रेड-1 हासिल किया है। पिछले साल की अपेक्षा हिमाचल ने इस बार गुणात्मक शिक्षा में काफी सुधार किया है। शिक्षा मंत्रालय ने रविवार को स्कूली शिक्षा में होने वाले बदलावों को लेकर परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) 2019-20 जारी किया है। इसमें हिमाचल ने 1000 में से 839 अंक हासिल किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल अंक तालिका में ग्रेड-1 के साथ चौथी कैटेगरी में रहा है। पीजीआइ में पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा हिमाचल से आगे निकल गए हैं।
सचिव (शिक्षा) राजीव शर्मा ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। स्कूलों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए विभाग प्रयासरत है।
सुधार के बावजूद क्यों पिछड़ा हिमाचल
रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्लस प्लस अंक हासिल कर केरल, पंजाब की श्रेणी में शामिल हो सकता था। रिपोर्ट के मुताबिक समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्रीय शेयर मिलने के बाद राज्य वित्त विभाग की ओर से शेयर जारी करने में देरी, प्रदेश में खेल के मैदान न होना, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और शिक्षा उपनिदेशकों का कार्यकाल कम होना, जैसे मानकों में हिमाचल पिछड़ा है।
लाहुल स्पीति में शिक्षकों से मंत्री ने लिया फीडबैक
शिमला। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में आनलाइन पढ़ाई में बच्चों को काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। नेटवर्क न होने के चलते छात्र काफी परेशान हैं। इसकी शिकायत शिक्षा विभाग तक भी पहुंची। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने लाहुल-स्पीति में शिक्षकों के साथ बात की। शिक्षा मंत्री ने लाहुल के दुर्गम गांव सलग्रां स्कूल में हिंदी विषय के प्रवक्ता पालम सिंह से फोन पर बात की। उनसे विभाग द्वारा चलाए जा रहे हर घर पाठशाला कार्यक्रम का फीडबैक लिया। मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे क्षेत्र जहां पर इंटरनेट की दिक्कत है, वहां पर छात्रों को जो दिक्कतें हैं उन्हें दूर करने का प्रयास कर रही है। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बच्चों को घर तक पाठ्य सामग्री पहुंचाए। उन्होंने कहा कि कोई भी छात्र आनलाइन पढ़ाई से वंचित नहीं रहना चाहिए।