हिमाचल में अब पीएचसी में भी मिलेगा कोरोना मरीजों को उपचार, बड़े अस्पतालों की नहीं लगानी पड़ेगी दौड़
Himachal Pradesh Corona Update कोरोना संक्रमण के कारण अगर ग्रामीण क्षेत्र के किसी व्यक्ति को गांव में सांस लेने में दिक्कत होती है तो उसे नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही आक्सीजन कंसट्रेटर से राहत दी जाएगी। हालत में सुधार नहीं होता है तो उसे मेकशिफ्ट अस्पताल भेजा जाएगा।
मंडी, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Corona Update, कोरोना संक्रमण के कारण अगर ग्रामीण क्षेत्र के किसी व्यक्ति को गांव में सांस लेने में दिक्कत होती है तो उसे नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही आक्सीजन कंसट्रेटर से राहत दी जाएगी। हालत में सुधार नहीं होता है तो उसे मेकशिफ्ट अस्पताल भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद 800 के करीब आक्सीजन कंसट्रेटर में से दो-दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध करवाए गए हैं। मंडी बने जच्चा-बच्चा अस्पताल को भी इस्तेमाल करने की कवायद शुरू हो गई है।
जिला में वर्तमान में 1848 मामले सक्रिय हो चुके हैं, जिसमें 35 लोग मेक शिफ्ट अस्पताल में उपचाराधीन हैं। गत दिनों एक साथ ही 20 से अधिक लोगों का अस्पताल ले जाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही करसोग, सरकाघाट, सुंदरनगर अस्पतालों को कोविड स्वास्थ्य केंद्र बनाने की योजना बना रखी है। वहीं अब मंडी के जच्चा-बच्चा अस्पताल को भी इसमें शामिल किया गया।
इन सभी अस्पतालों में आक्सीजन की व्यापक व्यवस्था है। ऐसे में केवल स्टाफ की ही जरूरत पड़ेगी। सरकार की ओर से मंजूरी आते ही इनको रखा जाएगा। वर्तमान में होम आइसोलेशन में ही 1700 से अधिक लोग हैं। उनका जिम्मा आशा कार्यकर्ताओं पर है।
मेडिकल कालेज पर नहीं पड़ेगा भार
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो विभाग ने इतनी तैयारी कर ली है कि मुख्य मेडिकल कालेज की ओपीडी को कोरोना से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता। 600 बिस्तर एक समय में तैयार मिलेंगे। ऐसे में उनका प्रयास रहेगा कि अन्य मरीजों को दिक्कत न हो।
जच्चा-बच्चा में लगेगा मेकशिफ्ट का फर्नीचर
मंडी के 100 बिस्तर के जच्चा-बच्चा अस्पताल को अगर कोरोना मरीजों के रखने की आवश्यकता होती है तो यहां के लिए खलियार में बंद हुए मेकशिफ्ट अस्पताल के फर्नीचर को रखा जाएगा। अस्पताल में आक्सीजन पाइप लाइन पहले से ही मौजूद है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंडी डा. देवेंद्र शर्मा कोरोना संक्रमण के मामले अधिक आते हैं तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर डीसीसी तक की तैयारी पूरी है। जरूरत पड़ी तो मंडी के जच्चा-बच्चा अस्पताल को भी आरंभ कर दिया जाएगा।