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Himachal Ambulance Service: हिमाचल प्रदेश में अब बिहार की कंपनी चलाएगी 108 और 102 एंबुलेंस

Himachal Pradesh Ambulance Service हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा आर जननी सुरक्षा योजना को संचालित करने के लिए बिहार की पीडीपीएल कंपनी को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी। मेडसवान फाउंडेशन को चार साल के लिए अनुमोदन प्रदान किया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 10:15 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 10:15 AM (IST)
एंबुलेंस सेवा संचालित करने के लिए बिहार की पीडीपीएल कंपनी को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Ambulance Service, हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा आर जननी सुरक्षा योजना को संचालित करने के लिए बिहार की पीडीपीएल कंपनी को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी। 108 व 102 एंबुलेंस के संचालन, रखरखाव व काल सेंटर सेवा के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ मेडसवान फाउंडेशन को चार साल के लिए अनुमोदन प्रदान किया है। वर्तमान में जीवीके कंपनी 108 व 102 एंबुलेंस सेवाएं प्रदान कर रही हैं और इसमें 1200 कर्मचारी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जीवीके के साथ किया गया 102 एंबुलेंस सेवा का करार 14 नवंबर को समाप्त हो गया है और उसे स्वास्थ्य विभाग ने आगे संचालित करने के लिए कहा है, ताकि सेवा प्रभावित न हो। जल्द ही नई कंपनी को एंबुलेंस सेवा के संचालन का जिम्मा सौंप दिया जाएगा।

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पीएमजीएसवाई के तहत मिली केंद्र से 171.25 करोड़ की ग्रांट

शिमला। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत केंद्र से राज्य को बड़ी राहत मिली है। केंद्र ने इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के लिए 171.25  करोड़ की ग्रांट जारी की है। यह केंद्रीय मदद वर्ष 2021-22 के लिए जारी की गई है। इसे सशर्त जारी किया गया है। इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्रालय के

निदेशक (आरसी) ने राज्य सरकार को पत्र स्वीकृति पत्र भेजा है। इस पत्र के साथ ही फंड भी जारी कर दिया है। राज्य सरकार को इसे 15 दिन के अंदर हिमाचल प्रदेश ग्राम सड़क विकास एजेंसी के नाम पर हर हाल में ट्रांसफर करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो उस सूरत में केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय अगली किस्तें जारी करने पर रोक लगाएगा। लोक निर्माण विभाग के ईएनसी को भी सूचना प्राप्त हो गई है। शर्त लगाने के पीछे उद्देश्य है कि फंड कहीं और डायवर्ट न हो पाएं। उसी कार्य के लिए खर्च करना होगा, जिसके लिए यह स्वीकृत हुआ है। अब फंड आने से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की प्रोजेक्ट में तेजी आएगी। इन सड़कों से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी में बदलाव आएगा। योजना वर्ष 2000 में दिसंबर महीने में आरंभ हुई थी। इस वक्त प्रदेश में सड़कों का कुल नेटवर्क 38 हजार किलोमीटर से अधिक है। इसमें पीएमजीएवाई योजना ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसके माध्यम से पहाड़ी प्रदेश में भी सड़कों का इतना बड़ा जाल बिछ पाया है।


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