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हिमाचल में कोरोना काल में दुग्ध उत्पादन के प्रति बढ़ा लोगों का रुझान पर लागत ज्‍यादा और दाम कम, पढ़ें आंकड़े

Himachal Milk Production हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में दुग्ध उत्पादन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है लेकिन लागत ज्यादा होने से दाम नहीं बढ़ पाए। इस कारण मुनाफा घटा है। खासकर मिल्कफेड के माध्यम से प्रति लीटर 22 से 24 रुपये दाम ही मिल पा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 08:15 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 08:15 AM (IST)
हिमाचल में कोरोना काल में दुग्ध उत्पादन के प्रति बढ़ा लोगों का रुझान पर लागत ज्‍यादा और दाम कम, पढ़ें आंकड़े
हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में दुग्ध उत्पादन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है

शिमला, रमेश सिंगटा। Himachal Milk Production, हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में दुग्ध उत्पादन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, लेकिन लागत ज्यादा होने से दाम नहीं बढ़ पाए। इस कारण मुनाफा घटा है। खासकर मिल्कफेड के माध्यम से प्रति लीटर 22 से 24 रुपये दाम ही मिल पा रहा है। जबकि खुले बाजार में इस से दोगुना दाम मिल हैं। निजी क्षेत्रों से बेरोजगार हुए युवाओं को स्वरोजगार का जरिया तो मिल गया, लेकिन उचित दाम न मिलने से उनकी ङ्क्षचता बरकरार हैं। उनकी मांग है कि सरकार दामों में वृद्धि करें। हालांकि शहरों के आसपास पशुपालकों को दूध के तुलनात्मक दृष्टि से अच्छे दाम मिले हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों के पशुपालक स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

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प्रति व्यक्ति कितना मिल रहा दूध

प्रदेश में 2018-2019 में 584 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्ध हो पा रहा था। 2019-20 में यह बढ़कर 610 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन हो गया। 2020-2021 में इसमें और वृद्धि होने का अनुमान है। इसी तरह से 2018- 2019 में प्रदेश में 14.60 लाख टन दूध उत्पादन होता था। यह 2019-2020 में बढ़कर 15. 30 टन हो गया।

वसा और एसएनएफ से तय होती है कीमत

दूध में मौजूद फैट (वसा) और सालिड नाट फैट (एसएनएफ) के आधार पर दूध की कीमत तय करता है। किसान खुद खुले बाजार में दूध बेचे तो उसे अधिकतर 45 रुपये दाम मिल रहा है। प्रदेश के 54 शहरों में दूध की मांग समीपवर्ती गांवों से कम और पंजाब व हरियाणा के दूध से ज्यादा है। बिलासपुर व सोलन के कई क्षेत्रों में किसान सोसायटी के माध्यम से भी दूध बाजार में बेच रहे हैं।

कहां से आता है दूध

राजधानी शिमला में करीब 65 फीसद दूध पंजाब व हरियाणा से आता है। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान 35 फीसद दूध की मांग ही पूरी कर पाते हैं। हालांकि उन्हें प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों के किसानों के मुकाबले बेहतर दाम मिलते हैं। इसकी आपूर्ति घरों तक है।

राज्य में दूध का उत्पादन

  • वर्ष, दूध टन में
  • 2012-13, 1138
  • 2013-14, 1151
  • 2014-15, 1172
  • 2015-16, 1282
  • 2016-17, 1328
  • 2017-18, 1392
  • 2018-19, 1460

मिल्कफेड द्वारा प्रतिमाह दूध की खरीद

  • जिला, खरीद लीटर में
  • शिमला, 3093051
  • सिरमौर, 789065
  • सोलन, 807762
  • हमीरपुर, 121706
  • ऊना, 403236
  • कांगड़ा, 231219
  • चंबा, 36579
  • मंडी, 8578114
  • कुल्लू, 9938815
  • बिलासपुर, 1314143
  • किन्नौर, 252516

मदन को मिला रोजगार

शिमला के डरपोक पंचायत की खुली निवासी मदन ठाकुर एक रिसार्ट में काम करते थे। यह बंद हुआ तो रोजगार भी छिन गया। वैकल्पिक रोजगार के तौर पर कृषि और पशुपालन को अपनाया। 15 किलोमीटर दूर से पानी की पाइप से पानी पहुंचाया। अब पशुओं को पानी की दिक्कत नहीं होती है । इन के माध्यम से बढिय़ा आय हो रही है।

गायों की नस्‍ल पर हो रहा काम

निदेशक पशुपालन विभाग डा. अजमेर सिंह डोगरा ने कहा देसी गायों की नस्ल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनमें रेड सिधी व साहवाल शामिल हैं। दुधारू पशुओं को फीड 50 फीसद अनुदान पर दी जा रही है।

कोरोना काल में पशुपालन की ओर बढ़ा रुझान

प्रदेश अध्यक्ष किसान सभा डा. कुलदीप सिंह तंवर कोरोना काल में लोगों का कृषि और पशुपालन के प्रति रुझान बढ़ा है लेकिन खासकर मिल्कफेड के माध्यम से बंद बोतल पानी से भी कम दाम मिल रहे हैं। इसमें बढ़ोतरी होनी चाहिए जिन लोगों का रोजगार चीन गया वह मजबूरी में पशुपालन व्यवसाय को अपना रहे हैं। सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए।


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