हिमाचल ने पहाड़ सी चुनौतियों को किया पार
हिमाचल में शिक्षा का प्रसार बढ़ा है। सरकारी के साथ निजी क्षेत्र में भी विस्तार हुआ है। स्कूल कालेज विश्वविद्यालयों के साथ कोचिंग संस्थानों की संख्या भी बढ़ी है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी संस्थान खोले जा रहे हैैं। हिमाचल ने पहाड़ सी चुनौतियों को पार किया है।
अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल में शिक्षा का प्रसार बढ़ा है। सरकारी के साथ निजी क्षेत्र में भी इसका विस्तार हुआ है। स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालयों के साथ कोचिंग संस्थानों की संख्या भी बढ़ी है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी संस्थान खोले जा रहे हैैं। हिमाचल ने पहाड़ सी चुनौतियों को पार किया है। आज स्थिति यह है कि हर डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक स्कूल है। बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में नहीं जाना पड़ता है। हिमाचल में साक्षरता दर में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 1948 में हिमाचल की साक्षरता दर 7.98 प्रतिशत थी, जो 2021 में बढ़कर 86.6 प्रतिशत हो गई है। सरकार ने अब गुणात्मक शिक्षा पर फोकस किया है। इसके लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। हिमाचल देश में ऐसा पहला राज्य है, जिसने नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया है।
वर्ष 1948 में हिमाचल में 261 प्राथमिक पाठशालाएं, नौ उच्च विद्यालय व एक कालेज था। वर्तमान में इनकी संख्या बढ़कर 15,778 हो गई है। इनमें 10717 प्राथमिक पाठशालाएं, 2008 राजकीय माध्यमिक विद्यालय, 929 उच्च विद्यालय, 1869 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 113 गैर आवासीय विशेषज्ञ प्रशिक्षण केंद्र, 130 राजकीय स्नातक महाविद्यालय, आठ संस्कृत महाविद्यालय, एक जवाहर लाल नेहरू ललित कला महाविद्यालय, एक एससीईआरटी, दो राजकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शामिल हैैं। इसके अलावा सात सरकारी व 16 निजी विश्वविद्यालय हैैं। हिमाचल में 4200 के करीब निजी स्कूल भी हैं। इन सबको मिला दें तो यह आंकड़ा ज्यादा है।
ऐसे बढ़ी साक्षरता दर
वर्ष,पुरुष,महिला,कुल प्रतिशत
1951,12.97,2.49,7.98
1961,32.30,9.50,21.30
1971,43.19,20.23,31.96
1981,64.27,37.72,42.48
1991,75.36,52.13,63.54
2001,85.03,67.04,76.05
2011,89.53,75.93,82.80
2021,89.53,75.93,86.6