हिमाचल उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने जीएसटी मुआवजे की अवधि 2027 तक बढ़ाने की मांग उठाई
GST Council Meeting वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 46वीं बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई। इसमें प्रदेश सरकार की ओर से उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने हिस्सा लिया। उन्होंने राज्य का दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि कपड़ा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है।
शिमला, जागरण टीम। GST Council Meeting, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 46वीं बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई। इसमें प्रदेश सरकार की ओर से उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने हिस्सा लिया। उन्होंने राज्य का दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि कपड़ा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। कई बाधाओं के कारण कपड़ा क्षेत्र में नया निवेश नहीं हो रहा है। इस सेक्टर में निवेश को प्रभावित करने वाले कारणों में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। उन्होंने कहा कि नए निवेश से रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। कर युक्तीकरण के मुद्दे को समग्र रूप से निपटाया जाना चाहिए। परिषद से वर्ष-2027 तक जीएसटी मुआवजे को बढ़ाने पर विचार करने का आग्रह किया।
बैठक में टैक्सटाइल पर जीएसटी की दर के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सभी कपड़ा वस्तुओं के लिए 12 प्रतिशत की समान दर की सिफारिश की गई थी। कपड़ा क्षेत्र में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को खत्म करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया था और नई दरें पहली जनवरी, 2022 से प्रभावी होनी थीं। इसकी दर परिवर्तन के कार्यान्वयन को स्थगित करने का निर्णय लिया।
वाणिज्यक वाहन संबंधी समस्त कर अब परिवहन विभाग के अधीन
परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा वाणिज्यक वाहन संबंधी समस्त करों को परिवहन विभाग के अधीन कर दिया गया है। इस संदर्भ में अधिसूचना 31 दिसंबर को जारी कर दी है। इससे अब आपरेटर को वाहन संबंधी कार्याें के लिए अलग-अलग विभागों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें परिवहन विभाग में ही आनलाइन ङ्क्षसगल ङ्क्षवडों सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से अब पहली जनवरी, 2022 से राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा लिए जा रहे यात्री एवं मालभार कर के स्थान पर विशेष पथ कर (एसआरटी) की अदायगी परिवहन विभाग को की जाएगी। इससे नए वाहन तुरंत नई व्यवस्था में जुड़ जाएंगे। जिसके लिए विभाग द्वारा आनलाइन कर अदायगी प्रणाली विकसित की गई है, जिससे आपरेटर अपनी इच्छा एवं सुविधा अनुसार घर-द्वार, किसी अन्य स्थान से या लोक मित्र केंद्रों से विभाग की वेबसाइट पर जाकर वाहन संबंधी कर जमा करवा सकेंगे। पुराने वाहनों को इस व्यवस्था में जोडऩे से पूर्व राज्य कर एवं आबकारी विभाग में अदा किए गए कर का अनापति प्रमाण पत्र करवाना होगा। ऐसे वाहन जिनका कर पूरे वर्ष का जमा है, वे भी अनापति प्रमाण पत्र पर इस व्यवस्था से जुड़ सकते हैं। आपरेटर कर संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय या दूरभाष नंबर 0177-2803138 पर कार्यालय समय में संपर्क कर सकते हैं।