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Praveen Sharma Death Case : हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआइ को सौंपी प्रवीण शर्मा की मौत मामले की जांच

Praveen Sharma Death Case हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन के वाकनाघाट के प्रवीण शर्मा की संदिग्ध हालात में हुई मौत की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह पुलिस अधीक्षक के माध्यम से मामले से संबंधित तमाम रिकार्ड तुरंत सीबीआइ को सौंपें।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 09:20 PM (IST)
Praveen Sharma Death Case : हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआइ को सौंपी प्रवीण शर्मा की मौत मामले की जांच
हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रवीण शर्मा की मौत मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी। जागरण आर्काइव

शिमला, विधि संवाददाता। Praveen Sharma Death Case, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन के वाकनाघाट के प्रवीण शर्मा की संदिग्ध हालात में हुई मौत की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह पुलिस अधीक्षक के माध्यम से मामले से संबंधित तमाम रिकार्ड तुरंत सीबीआइ को सौंपें।

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न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रवीण शर्मा की पत्नी की याचिका को मंजूर करते हुए सीबीआइ को आदेश दिया कि वह भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करे व कानूनों के प्रविधानों के तहत मामले की जांच करे। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नौ जून, 2020 को प्रार्थी का पति प्रवीण शर्मा सनवारा के समीप कुंडू नाले में अचेत अवस्था में मिला था, जिसे बाद में राजगढ़ अस्पताल में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। प्रार्थी के अनुसार उसने पुलिस से इस मामले की गहनता से जांच करने का आग्रह किया था, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की। यही नहीं प्रार्थी ने थाना प्रभारी राजगढ़ व पुलिस अधीक्षक सिरमौर को कई बार पत्र लिखकर इस मामले पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था, लेकिन पुलिस ने इसमें कोई भी कार्रवाई नहीं की।

याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने इस मामले में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी। कोर्ट ने हैरानी जताई कि जब पुलिस ने इसमें कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की तो पुलिस ने किन परिस्थितियों में इस मामले में जांच की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि पुलिस की संपूर्ण कार्रवाई कानून के विपरीत है। पुलिस ने इसमें कोई डेली डायरी नहीं लिखी तो यह भी उनकी कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न लगाता है। कोर्ट ने इस मामले को लेकर प्रार्थी की याचिका के तथ्यों से सहमति जताते हुए पाया कि यह एक विशेष परिस्थिति है, जिसके तहत मामले की जांच पुलिस से हटाकर सीबीआइ को सौंपी जा सकती है।

प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रधान सचिव गृह को यह आदेश दिया कि वह इस मामले से जुड़े संबंधित पुलिस अधीक्षक सिरमौर, उपमंडल पुलिस पदाधिकारी राजगढ़, थाना प्रभारी राजगढ़ एवं अमर दत्त शर्मा प्रभारी पुलिस चौकी यशवंतनगर के खिलाफ जांच करवाएं। महानिरीक्षक के पद के अधिकारी से जांच करवाई जाए। हाईकोर्ट ने मामले की जांच 31 दिसंबर तक पूरी करने का आदेश दिया है। जांच पूरी करने के बाद अनुपालन रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पांच जनवरी, 2022 तक दाखिल करनी होगी।


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