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JCC Meeting: सितंबर में होगी जेसीसी बैठक, छठे वेतन आयोग के मौजूदा प्रावधान में कर्मियों का र‍िकवरी का डर

Himahal JCC Meeting हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार अगले माह सितंबर में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक करेगी। बैठक के लिए सरकार तैयार है और अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसकी तारीख तय करेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 09:13 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 09:13 AM (IST)
JCC Meeting: सितंबर में होगी जेसीसी बैठक, छठे वेतन आयोग के मौजूदा प्रावधान में कर्मियों का र‍िकवरी का डर
प्रदेश सरकार अगले माह सितंबर में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक करेगी।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himahal JCC Meeting, हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार अगले माह सितंबर में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक करेगी। बैठक के लिए सरकार तैयार है और अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसकी तारीख तय करेंगे। चंद दिन में इसका फैसला हो जाएगा। असल में प्रदेश सरकार और यहां के कर्मचारी पंजाब सरकार की ओर निगाहें लगाए हुए हैं। पंजाब ने नया वेतनमान तो लागू कर दिया है, लेकिन कर्मचारियों के विरोध के बीच इसे लागू नहीं किया जा रहा है। वहां की सरकार ने अधिसूचना में संशोधन करने के लिए कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अपनी सिफारिशें मंत्रिमंडल को सौंपेगी। इस कारण छठा वेतनमान देने में देरी हो रही है।

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अगर मौजूदा प्रावधान लागू हुए तो हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों से भी रिकवरी हो सकती है। यह डर क्लास थ्री, फोर के अलावा क्लास टू के कर्मचारियों को भी सता रहा है। कई केटेगरी को लाभ होने के बजाय आर्थिक नुकसान होगा। अंतरिम राहत (आइआर) के तौर पर सरकार जो लाभ दे चुकी है, उसकी कुछ हद तक रिकवरी हो सकती है। आइआर वेतनमान का ही हिस्सा माना जाता है। इसे सरकार समय-समय पर जारी करती रही है, ताकि एक साथ नए वेतनमान का आर्थिक बोझ न पड़े।

सचिवालय कर्मचारी भी आंदोलन के पक्ष में

राज्य सचिवालय कर्मचारी पंजाब के कर्मचारियों के पक्ष में हैं। सचिवालय कर्मचारी सेवाएं संघ सचिवालय पे को खत्म कर इसे भत्ते में तब्दील करने पर विरोध जता चुके हैं। इसके अध्यक्ष संजीव शर्मा, महासचिव के के शर्मा के अनुसार इससे सचिवालय कर्मियों को प्रतिमाह चार हजार रुपये और पेंशनर्स को सात हजार रुपये का नुकसान होगा। संघ पुरानी व्यवस्था बरकरार रखने के पक्ष में हैं।

क्‍या कहते हैं महासंघ के अध्‍यक्ष

सरकार से मान्यता प्राप्त अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्‍यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा मौजूदा सरकार कर्मचारी हितैषी है। महासंघ मांग पत्र सरकार को सौंप चुकी है। जैसे ही सरकार तारीख तय करेगी, हम इसे सफल बनाने की तैयारियों में जुट जाएंगे।


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