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ऑनलाइन पढ़ाई में नशे के खिलाफ भी पाठ पढ़ेंगे विद्यार्थी, जागरूकता के लिए चलेगा अभियान

Lesson Against Drugs राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्र अब ऑनलाइन पढ़ाई में नशे के खिलाफ भी पाठ पढ़ेंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 04:50 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 04:50 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई में नशे के खिलाफ भी पाठ पढ़ेंगे विद्यार्थी, जागरूकता के लिए चलेगा अभियान
ऑनलाइन पढ़ाई में नशे के खिलाफ भी पाठ पढ़ेंगे विद्यार्थी, जागरूकता के लिए चलेगा अभियान

शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्र अब ऑनलाइन पढ़ाई में नशे के खिलाफ भी पाठ पढ़ेंगे। हर घर पाठशाला कार्यक्रम के साथ नशे के खिलाफ छात्रों को जागरूक करने के लिए यह अभियान चलेगा। इसमें बच्चों को बताया जाएगा कि नशा व्यक्ति, परिवार व समाज के नाश की जड़ है। नशे से न केवल आर्थिक नुकसान तो होता ही है सेहत भी खराब होती है। कक्षा पांचवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव का पाठ भी पढ़ाया जाएगा।

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वॉट्सएप और ऑनलाइन पढ़ाई के अन्य माध्यमों से इसको लेकर बच्चों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए स्कूल स्तर पर नारा लेखन, निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। स्कूल स्तर पर बने वॉटसएप ग्रुप के माध्यम से ही इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। निदेशक उच्चतर शिक्षा की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के शिक्षा उपनिदेशक, स्कूल प्रधानाचार्य और मुख्य अध्यापकों को पत्र भेजा गया है। निदेशालय स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग भी की जाएगी।

समीक्षा बैठक में दिए थे निर्देश

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए थे के नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बच्चों को जागरूक करने के लिए सख्त कदम उठाए। इसके बाद इस अभियान को शुरू किया जा रहा है।

पाठ्यक्रम में भी होगा शामिल

विद्यार्थियों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है। सामाजिक अध्ययन की पाठ्य पुस्तक में नशे से बचाव का पाठ शामिल किया जाएगा। विद्यार्थियों को नशे की लत से बचाने के लिए शिक्षा निदेशालय पहल करने जा रहा है। विद्यार्थियों को मादक पदार्थो से होने वाले नुकसान बताए जाएंगे। कई बच्चे अनजाने में नशे का शिकार हो जाते हैं। इसलिए शिक्षा निदेशालय इसे पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। नशे के खिलाफ बच्चों को जागरूक करना काफी मुश्किल है। इस कारण एससीईआरटी मनोविज्ञानियों से भी राय ली गई है। इसके बाद ही नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए पाठ तैयार होगा।


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