हिमाचल में एसएमसी शिक्षकों को राहत देने की तैयारी, हाईकोर्ट पहुंची सरकार; जानिए पूरा मामला
SMC Teachers हिमाचल के स्कूलों में कार्यरत स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) शिक्षकों को राहत देने की तैयारी है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल के स्कूलों में कार्यरत स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) शिक्षकों को राहत देने की तैयारी है। प्रदेश सरकार ने इन शिक्षकों को सेवाविस्तार देने का पूरा मन बना लिया है। शिक्षकों का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। सरकार ने महाधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में स्टे हटाने के लिए याचिका दायर की है। हाईकोर्ट यदि स्टे हटा देता है तो शिक्षकों को सेवाविस्तार देने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। कैबिनेट इस पर अंतिम फैसला लेगी।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2600 के करीब शिक्षक एसएमसी के माध्यम से कार्यरत थे। इन शिक्षकों का करार 31 दिसंबर और 31 मार्च को समाप्त हो चुका है। कोविड-19 के खतरे के बीच जिलास्तर पर शिक्षकों की ड्यूटी एक्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम में भी लगाई है। एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने शनिवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मुलाकात कर करार बढ़ाने की मांग की थी।
करार खत्म होने के बावजूद पढ़ा रहे शिक्षक
करार खत्म होने के बावजूद एसएमसी शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। स्कूल स्तर पर बनाए वाट्सएप ग्रुप में ये शिक्षक रोजाना बच्चों को होमवर्क भेजते हैं और शाम को वर्कबुक भी चेक करते हैं। शिक्षकों को पता है कि इसके उन्हें पैसे नहीं मिलेंगे, लेकिन विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए वे अपना काम इमानदारी से कर रहे हैं।
विभाग का कहना है कि एसएमसी शिक्षकों पर वह अपने स्तर पर फैसला नहीं ले सकता, क्योंकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। शिक्षकों का भविष्य हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। हाईकोर्ट अस्थायी नियुक्तियों पर क्या फैसला देता है उसी के आधार पर विभाग इस मामले में आगामी प्रक्रिया शुरू करेगा। सरकार ने नई भर्तियों पर रोक लगाई हुई है। एसएमसी शिक्षकों के करार को खत्म किया जा चुका है। यदि करार नहीं बढ़ता है तो स्कूलों में शिक्षकों की कमी खल सकती है।
एसएमसी शिक्षकों का मामला सरकार के विचाराधीन है। शिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान भी काफी ज्यादा सवाल एसएमसी के आए थे। मामले को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। -सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री।