हिमाचल में इलेक्ट्रिक पॉलिसी तैयार, ई वाहन पर सवार होगी सरकार; अफसरों की फिजूलखर्ची पर इस तरह लगेगी लगाम
प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक पॉलिसी तैयार कर ली गई है। इसके धरातल पर आते ही सरकार भी ई वाहनों पर होगी।
धर्मशाला, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक पॉलिसी तैयार कर ली गई है। इसके धरातल पर आते ही सरकार भी ई वाहनों पर होगी। इस योजना के तहत प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सौ नई इलेक्ट्रिक बसें एचआरटीसी के बेड़े में जुड़ेंगी। पूरे प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। प्रदूषण रोकने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी, वहीं अफसरशाही की फिजूलखर्ची पर भी लगाम लगाएगी। अफसरों के वाहनों में स्वजनों की सवारी पर रोक लगेगी। यह बात परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कही।
उन्होंने नियम 62 के तहत प्रदेश में प्रदूषण की रोकथाम व फिजूलखर्ची पर लगाम के लिए पेश किए विधायक विक्रमादित्य के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की सराहना की। मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पार्किंग व प्रदूषण की सबसे ज्यादा समस्या है। 1991 में प्रदेश में 3523 दोपहिया व 10,073 चौपहिया वाहन थे, लेकिन अब दोपहिया वाहनों की संख्या 8,78,480 व चौपहिया वाहनों की संख्या 5,10,210 हो चुकी है। प्रतिवर्ष प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ के पर्यटक भी आते हैं।
डॉक्टर भी करेंगे नई पहल
गोविंद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सचिवालय के कर्मियों की मांग पर एक ही कॉलोनी से आने जाने के लिए बस सेवा चलाई गई। इसी तरह आइजीएमसी के चिकित्सकों का प्रस्ताव उनके लिए इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए आया है। उनकी मांग जल्द ही पूरी कर दी जाएगी। पर्यावरण संरक्षण में अब डॉक्टरों ने भी पहल की है।
मंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण करवाया जाएगा कि सरकारी वाहनों का दुरुपयोग कैसे रोका जाए। यह पहले हमें ही तय करना है कि किस तरह से हम बदलाव लाएं। इसकी शुरुआत भी अपने से ही करें।
विधायक करें शुरुआत : विक्रमादित्य
विक्रमादित्य ने सुझाव दिया कि सरकारी विभागों में कार पुलिंग हो। शिमला विधानसभा में सत्रों के दौरान विधायक व मंत्री भी एक दूसरे के साथ आएं। विधानसभा के सदस्य इसके लिए पहल करें। सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग व वाहनों में अधिकारियों के बच्चों के आने जाने पर भी उन्होंने सवाल उठाए। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में विक्रमादित्य ने कहा कि प्रदूषण आज बड़ी समस्या बनती जा रही है।