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हिमाचल में स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती पर सरकार का जोर, स्‍टाफ की कमी दूर करने सहित लिए ये अहम निर्णय

Himachal Govt Develop Health Infrastructure सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों व दूसरी श्रेणी के पदों की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाया है। स्वास्थ्य विभाग में असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर समेत विभिन्न श्रेणियों के 85 पद भरे जाएंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 08:10 AM (IST)
हिमाचल में स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती पर सरकार का जोर, स्‍टाफ की कमी दूर करने सहित लिए ये अहम निर्णय
स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए कदम उठाया है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Govt Develop Health Infrastructure, सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों व दूसरी श्रेणी के पदों की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाया है। स्वास्थ्य विभाग में असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर समेत विभिन्न श्रेणियों के 85 पद भरे जाएंगे। टांडा मेडिकल कालेज में 4.28 करोड़ रुपये से नई सीटी स्कैन मशीन लगाने को स्वीकृति दी गई। कांगड़ा जिले के नागरिक अस्पताल देहरा में क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए पांच नए पद सृजित कर चिकित्सकों की संख्या नौ से बढ़ाकर 14 करने, कांगड़ा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढज़मूला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने का फैसला लिया है।

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इसके अलावा सोलन जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टा मेहलोग को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने, सोलन जिले के धर्मपुर स्थित छह बिस्तर क्षमता वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तर क्षमता वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्तरोन्नत करने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टा महलोग को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने व जिला मंडी के स्वास्थ्य उप केंद्र तत्तापानी को सांविधार कंदेरी में स्थानातंरित करने को भी अपनी मंजूरी दी।

आइजीएमसी शिमला व टांडा मेडिकल कालेज में नेफरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पांच पद भरने, आइजीएमसी शिमला में जनरल मेडिसिन विभाग के रयूमेटोलाजी सेल में असिस्टेंट प्रोफेसर के एक पद को सृजित करने और भरने को स्वीकृति दी गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने पत्रकारों को बैठक में लिए गए निर्णयों से अवगत करवाया।

बजट घोषणा को मंजूरी

मंत्रिमडल ने बजट 2021-22 में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार चारा विकास परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नई योजना को स्वीकृति दी। यह परियोजना प्रदेश में उच्च पैदावार वाली घास की सदाबहार किस्मों और चारे के लिए उपयोग किए जाने वाले पौधे लगाने, किसानों तथा गो सदनों में बांटने को भी बढ़ावा देगी।

तीन नए नगर निगमों में भरे जाएंगे 33 पद

तीन नए नगर निगमों मडी, सोलन व पालमपुर में नगर निगमों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक निगम में विभिन्न श्रेणियों के 11 पदों सहित कुल 33 पद स्वीकृत किए गए। कृषि विभाग में सुचारू संचालन के लिए चालकों के 20 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की।

जुन्गा का दशहरा जिलास्तरीय

बैठक के दौरान जिला शिमला के जुन्गा के ऐतिहासिक दशहरा उत्सव को जिला स्तरीय मेला घोषित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

दो उप-तहसील, तीन पटवार वृत्त की मंजूरी

जिला कांगड़ा की तहसील इंदौरा के तहत ठाकुरद्वारा में आवश्यक पदों के सृजन सहित नई उप तहसील खोलने का निर्णय लिया। जिला चंबा के तेलका में आवश्यक पदों के सृजन सहित नई उप तहसील, जिला कांगड़ा की उप तहसील नगरोटा सूरियां का स्तरोन्नत कर आवश्यक पदों के सृजन सहित तहसील बनाने का निर्णय भी लिया गया। जिला बिलासपुर के श्री नैना देवी जी के टोबा संगवां (कौंलावाला टोबा), तहसील सदर के खारसी तथा तहसील झंडुता के बदोल व रोहाल में क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए प्रत्येक पटवार वृत्त के लिए पटवारी के एक पद तथा अंशकालिक कर्मचारी के एक पद के सृजन सहित नये पटवार वृत्तों के सृजन को भी मंजूरी दी गई।

कालाअंब में ब्रूरी स्थापित होगी

जिला सोलन की तहसील नालागढ़ में मैसर्ज आरकेवी स्पिरिट प्राइवेट लिमिटेड कालाअंब को एक्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (शराब) पर आधारित इथेनोल प्लांट, डिस्टिलरी व ब्रूरी स्थापित करने के लिए मंजूरी प्रदान की।

एक नया मंडल व उपमंडल मिला

जिला सिरमौर के सराहां में लोक निर्माण विभाग का नया मंडल तथा गगल शिकोर में लोक निर्माण विभाग का नया उपमंडल खोलने को मंजूरी प्रदान की। सराहां-दो तथा गगल शिकोर में इन कार्यालयों के लिए आवश्यक पदों के सृजन सहित दो नए सेक्शन खोलने को मंजूरी प्रदान की गई।

नहीं बेच सकेंगे चाय बगान

ऐसी व्यवस्था थी कि प्रदेश सरकार की अनुमति से चाय बगान बेचे जा सकते थे। सरकार ने इस तरह के प्रावधान को खत्म कर दिया है। भूमि अधिग्रहण 1972 के प्रावधानों के तहत सरकार ने इस तरह की व्यवस्था को खत्म करने की मंजूरी दी है। अब प्रदेश में स्थित कोई भी चाय बगान बेचा नहीं जा सकेगा। मंत्रिमंडल बैठक में सरकार ने इस तरह के प्रावधान को खत्म कर दिया है अब चाय बगान यथावत रहेंगे।


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