गोसदन संचालकों को प्रति गोवंश 500 रुपये देगी हिमाचल सरकार, सीएम ने कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम भी किया शुरू
Fund for Gosadan गोसदन गोशाला और गौ अभयारण्य योजना में गोवंश के रख-रखाव के लिए भत्ते के रूप में प्रति माह 500 रुपये प्रति गाय दिए जाएंगे।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश को डेढ़ वर्ष में बेसहारा पशु मुक्त राज्य बनाया जाएगा। इसे देश का पहला राज्य बनाया जाएगा, जहां पर कोई भी बेसहारा गोवंश नहीं होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को सचिवालय से दो योजनाओं का शुभारंभ किया। गोसदन, गोशाला और गौ अभयारण्य योजना में गोवंश के रख-रखाव के लिए भत्ते के रूप में प्रति माह 500 रुपये प्रति गाय दिए जाएंगे। यह राशि उन्हें दी जाएगी जहां पर बेसहारा गोवंश की संख्या 30 या इससे अधिक है। इसके साथ ही राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण-दो को शुरू किया गया। इससे प्रदेश के आठ लाख किसानों के गोवंश की नस्लों का सुधार कर उनकी आय को बढ़ाया जाएगा।
पशुपालन विभाग की दो योजनाओं के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ने कहा पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिए सूचना नेटवर्क और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पूर्ण टैगिंग के बाद उन सभी गोसदनों, गोशालाओं को सहायता राशि दी जाएगी। सरकार ने अब प्रति बोतल शराब पर 1.50 रुपये प्रति मवेशी रुपये का उपकर लगाया है, ताकि राजस्व में बढ़ोतरी के साथ गौ अभयारण्यों को विकसित किया जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालकों गोसदनों के संचालकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात भी की, जिसमें गाय के गोबर को खरीदने का सुझाव दिया गया।
पशुपालन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण-दो राज्य में मवेशियों की नस्ल में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रदेश को देश का 'मिल्क बाउल' बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
गोबर खरीदेगी सरकार केंचुआ खाद बनाकर बेचेगी
कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कृषि विभाग गौर अभयारण्यों से गाय का गोबर खरीदेगा और किसानों को केंचुआ खाद के रूप में बेचा जाएगा। गौ अभयारण्य क्षेत्रों में चारे के पेड़ लगाने के भी प्रयास किए जाएंगे, ताकि गायों को हरा चारा मिल सके। राज्य सरकार साल में दो बार मवेशियों का मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करेगी। राज्य के सात जिलों में सात गौ अभयारण्य स्थापित किए जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही क्रियाशील बनाया जाएगा।