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हट सकती है टीजीटी भर्ती पर लगी रोक, 90 फीसद पद भरने के लिए हाईकोर्ट से छूट मांगेगी हिमाचल सरकार

TGT Recruitment शिक्षा विभाग में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती पर लगी रोक जल्द हट सकती है। राज्य सरकार भर्तियों पर लगी रोक को हटवाने के लिए 90 फीसद पदों को भरने की छूट म

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 04:26 PM (IST)
हट सकती है टीजीटी भर्ती पर लगी रोक, 90 फीसद पद भरने के लिए हाईकोर्ट से छूट मांगेगी हिमाचल सरकार
हट सकती है टीजीटी भर्ती पर लगी रोक, 90 फीसद पद भरने के लिए हाईकोर्ट से छूट मांगेगी हिमाचल सरकार

शिमला, जेएनएन। शिक्षा विभाग में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती पर लगी रोक जल्द हट सकती है। राज्य सरकार भर्तियों पर लगी रोक को हटवाने के लिए 90 फीसद पदों को भरने की छूट मांगेगी। जिन दस फीसद पदों पर विवाद है, उन्हें रिजर्व रखा जाएगा, यानी उन पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। कोर्ट का आदेश आने के बाद ही इन दस फीसद पदों पर भर्ती की आगामी प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। 21 अगस्त को इस मामले की प्रदेश उच्च न्यायलय में सुनवाई होनी है। सरकार ने कोर्ट में छूट के लिए इस तरह का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें तर्क दिया गया है कि यदि पूरी भर्ती प्रक्रिया को रोका जाता है तो इससे न केवल भर्तियों में देरी होगी बल्कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर भी विपरीत असर पड़ेगा। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने कहा इस मामले में कानूनी सलाह ली जा रही है, ताकि भर्तियों केा जल्द शुरू करवाया जा सके।

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31 जुलाई को लगाई थी रोक

प्रदेश उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई को टीजीटी के 587 पदों सहित अन्य 24 श्रेणियों के पदों पर रोक लगाई थी। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने 2 मार्च 2020 को जारी विज्ञापन पर स्थगन आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। प्रार्थी की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने बीपीएल श्रेणी को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित कर दिया जिससे बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ अन्याय किया गया है।

बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों की वार्षिक आय 35,000 रखी गई है, जबकि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों की वार्षिक आय चार लाख तक रखी गई है। राज्य सरकार द्वारा बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित किए जाने का फैसला पूर्णतया गलत है। उच्च न्यायलय ने प्रार्थी की दलीलों से सहमति पाते हुए फिलहाल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के 2 मार्च 2020 के विज्ञापन पर रोक लगा दी। इस मामले की सुनवाई अब 21 अगस्त को होगी।


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