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उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विश्व बैंक के साथ करार की तैयारी, शिक्षा परिषद ने बनाया प्रस्‍ताव, जानिए पूरा मामला

Quality Education उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए राज्य सरकार विश्व बैंक के साथ करार करेगी। विश्व बैंक और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच 80 मिलियन डालर (करीब 600 करोड़) का यह करार होगा। इसमें 8020 की वित्तीय हिस्सेदारी होगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 08:13 AM (IST)
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विश्व बैंक के साथ करार की तैयारी, शिक्षा परिषद ने बनाया प्रस्‍ताव, जानिए पूरा मामला
उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए राज्य सरकार विश्व बैंक के साथ करार करेगी।

शिमला, अनिल ठाकुर। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए राज्य सरकार विश्व बैंक के साथ करार करेगी। विश्व बैंक और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच 80 मिलियन डालर (करीब 600 करोड़) का यह करार होगा। इसमें 80:20 की वित्तीय हिस्सेदारी होगी। यानी कुल राशि का 80 फीसद विश्व बैंक खर्च करेगा, जबकि 20 फीसद बजट राज्य सरकार खर्च करेगी। उच्च शिक्षा परिषद् ने 'हायर एजुकेशन क्वालिटी इनहांसमेंट एंड स्किल ट्रेनिंग' का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रोजेक्ट को लेकर बनी वर्किंग ग्रुप की बैठक पिछले दिनों शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हो चुकी है। इस बैठक में सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार गुप्ता सहित अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।

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प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने बैठक में प्रोजेक्ट पर अपनी प्रेजेंटेशन भी दी थी। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इसका प्रस्ताव तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल को भेजा जाए। मंत्रिमंडल की मुहर के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उच्च शिक्षा परिषद पिछले छह महीनों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। पूर्व शिक्षा मंत्री के साथ भी इसको लेकर कई बैठकें हो चुकी है।

आईटी और वोकेशनल कार्यक्रम होंगे शुरू

प्रोजेक्ट के तहत स्कूल से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। आईसीटी लैब, वर्चुअल क्लास रूम जैसी सुविधाएं होगी। पढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा इसके लिए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वोकेशनल कार्यक्रम शुरू होंगे ताकि बच्चों को डिग्री करते ही नौकरी मिल सके। इसके लिए कॉलेज में प्लेसमेंट सैल को एक्टिव किया जाएगा। औद्योगिक घरानों की भी इसके लिए मदद ली जाएगी।

प्रोजेक्ट में ये होंगे काम

  • उच्च शिक्षा संस्थानों को अनुदान समर्थन।
  • प्रणाली प्रबंधन में सुधार।
  • प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में वंचित समूहों के विद्यार्थियों की गुणवत्ताष में सुधार करना।
  • प्रदेश में उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाना है।

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