400 नई पंचायतें बनाने के लिए सरकार गंभीर, प्रधानों के लिए शैक्षणिक योग्यता हो सकती है तय, पढ़ें खबर
Panchayat Election करीब 400 नई पंचायतों के गठन का मसला सरकार के विचाराधीन है और गंभीरता से विचार हो रहा है।
धर्मशाला, जेएनएन। वर्ष के अंत तक पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। इसके लिए राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी है। करीब 400 नई पंचायतों के गठन का मसला सरकार के विचाराधीन है और गंभीरता से विचार हो रहा है। पंचायत प्रधानों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता रखने पर भी विचार हो रहा है। यह बात हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, पशुपालन और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने दैनिक जागरण के लिए रमेश ङ्क्षसगटा को दिए साक्षात्कार में कही। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भरोसे और जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने के हर संभव प्रयास करेंगे। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
कृषि के रूप में नया मंत्रालय मिला है। ढाई साल में इसमें कैसे बेहतर काम करेंगे?
मुख्यमंत्री के भरोसे पर खरा उतरने का प्रयत्न करूंगा। असल में ग्रामीण विकास, कृषि व पशुपालन एक-दूसरे से जुड़े हैं। अभी तक यह विभाग अलग-अलग लोगों के पास होते थे। योजनाएं भी अलग-अलग तरीके से लागू की जाती है। अब ऐसा नहीं होगा। सभी योजनाओं में एकरूपता लाई जाएगी। जल्द ही इसे धरातल पर उतारेंगे।
पंचायत चुनाव सिर पर हैं... क्या इतने कम समय में नई पंचायतों का गठन हो पाएगा?
देखिये, पहले जनगणना एजेंसी के निर्देशों के अनुसार नई यूनिट नहीं बन सकती थी। लेकिन अब इस संबंध में दिसंबर तक की इजाजत मिल गई है। नई पंचायतों के 400 से अधिक प्रस्तावहैं। मामला विचाराधीन है। रोस्टरर इस बात पर निर्भर करेगा कि पंचायतें नई बनेंगी या नहीं। अगर नई पंचायतें बनीं तो नया रोस्टर लागू होगा।
क्या पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की जा रही है?
इस पर सरकार विचार कर रही है। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या हो, यह तय करना बाकी है। प्रधानों के लिए यह लागू हो सकता है, क्योंकि उनके पास वित्तीय औरं न्यायिक शक्तियां भी होती हैंं। ऐसा शक्तियां विधायकों के पास भी नहीं है। इसमें सभी पक्षों पर गौर होगा।
अधिकारी कभी भूसे की खरीद तो कभी बकरियों की खरीद में वित्तीय अनियमितताएं बरत रहे हैं...कार्रवाई होगी या नहीं?
भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। बकरी पालन योजना में गाइडलाइन बदली है। अब खरीद कमेटी में किसानों को भी शामिल किया जाएगा। टेंडर स्टेट लेवल पर होंगे। स्वस्थ बकरी व बकरों का चयन पशुपालक खुद करेंगे। खरीद पीएसयू के माध्यम से करेंगे। कई बार वेक्सीन खरीद में दिक्कतें आती है। लेकिन, सरकार पारदर्शी खरीद में विश्वास रखती है।
पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो पाती है। क्या वजह हैं?
क्योंकि वहां कई तरह के दबाव समूह हैं। दूसरे विभागों में कई जगहों पर इससे ज्यादा भ्रष्टाचार है, लेकिन बाहर नहीं आ पाता है। मौजूदा सरकार ने शिकायतों पर कार्रवाई की है। ऑडिट भी करवाया है। भ्रष्टाचार से समझौता नही होगा।
पात्र तक योजनाएं पहुंचे... इसके लिए क्या करेंगे?
सिरमौर से भरमौर तक अधिकारियों को फील्ड में भेजा जाएगा। इनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों के वाट्सऐप ग्रुप बनेंगे। कितने किसानों से मुलाकात की, कितनों को लाभ पहुंचाया। इसकी प्रगति रिपोर्ट ली जाएगी। लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई होगी।