अन्य राज्यों से फलदार पौधे लाने पर रोक, बिना अनुमति पौधे लाने पर जुर्माना व सजा का भी प्रावधान
Ban on Purchase Fruit Plants हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग ने अन्य राज्यों से बिना अनुमति फलदार पौधों को लाने पर रोक लगा दी है।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग ने अन्य राज्यों से बिना अनुमति फलदार पौधों को लाने पर रोक लगा दी है। नियम तोडऩे पर जुर्माने और छह माह की सजा का प्रावधान है। इसका मुख्य उद्देश्य पौधों में किसी भी संक्रमण को फैलने से रोकना है। इस संबंध में सभी जिलों के बागवानी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में भी अब बिना पंजीकरण के नर्सरियों को संचालित नहीं किया जा सकेगा। पंजीकृत नर्सरियों से ही पौधों का वितरण हो सकेगा। इससे बागवानों को बेहतर किस्म और रोगमुक्त पौधे उपलब्ध हो सकेंगे।
संक्रमण फैलने पर इसके लिए जिम्मेदारी भी तय होगी। पौधों की जांच के साथ उनका निरीक्षण भी होगा, जिससे संक्रमण न फैले। प्रदेश में 35 प्रकार के फलों का उत्पादन किया जा रहा है। इनके उत्पादन के लिए पौधों की आवश्यकता होती है।
हर साल रोपे जाते हैं बीस लाख फलदार पौधे
प्रदेश में हर साल करीब बीस लाख से अधिक फलदार पौधे रोपे जाते हैं। करीब छह हजार हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन आता है। बागवानी विकास के लिए दो परियोजना चल रही हैं। इसमें 1134 करोड़ का विश्व बैंक का प्रोजेक्ट, जबकि एचपी-शिवा यानी हिमाचल प्रदेश सब ट्रॉपीकल हार्टिकल्चर इरिगेशन एंड वेल्यू एडीशन प्रोजेक्ट जो एशियन विकास बैंक के तहत चलाया जा रहा है। इसमें एक हजार करोड़ रुपये से सात जिलों कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, सोलन, सिरमौर और ऊना के दस हजार हेक्टेयर में उच्च घनत्व वाले पौधे लगेंगे।
बागवानी उत्पादन
- फल, क्षेत्र हेक्टेयर में, उत्पादन टन में
- सेब,113154,368603
- अन्य शीतोष्ण फल,28414,37146
- मेवे और ड्राई फ्रूट्स,10194,3649
- खट्टे फल,24869,29344
- अन्य फल,55508,13080
- कुल,232139,495362
बीमारियों नहीं फैले इसलिए जारी किया आदेश
पौधों के साथ बीमारियां नहीं आएं और संक्रमण नहीं फैले इसलिए आदेश जारी किया है। बिना अनुमति के फलदार पौधे लाने पर जुर्माने और सजा का भी प्रावधान है। -तेजराम बुशैहरी, वरिष्ठ पौध संरक्षण अधिकारी।
कोरोना से बचाव के लिए पहने दस्ताने
कोरोना का संक्रमण न फैले पौधों को निकालने के लिए दस्तानों का इस्तेमाल करें। अन्य राज्यों से पौधों को सरकार की अनुमति से ही लाया जा सकता है। यह व्यवस्था पौधों में किसी भी तरह का संक्रमण फैले इसके लिए किया गया है। -कर्मचंद आजाद, निदेशक बागवानी विभाग।