IGMC Langar Dispute: लंगर विवाद पर सरकार ने आइजीएमसी प्रशासन से मांगी रिपोर्ट, पढ़ें पूरा मामला
IGMC Langar Dispute आइजीएमसी शिमला में लंगर विवाद पर प्रदेश सरकार ने आइजीएमसी प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि आलमाइटी ब्लेसिंग संस्था की ओर से साल 2014 से चाय बिस्किट का लंगर चलाया गया था।
शिमला, जागरण संवाददाता। IGMC Langar Dispute, आइजीएमसी शिमला में लंगर विवाद पर प्रदेश सरकार ने आइजीएमसी प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि आलमाइटी ब्लेसिंग संस्था की ओर से साल 2014 से चाय बिस्किट का लंगर चलाया गया था। बाद में संस्था ने मरीजों के तीमारदारों को भोजन उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू की। संस्था पर आरोप है कि आइजीएमसी में अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था। बार-बार नोटिस देने के बावजूद संस्था कंस्ट्रक्शन को बंद नहीं कर रही थी। अवैध कब्जा लेने के लिए आइजीएमसी प्रशासन ने जब जिला प्रशासन से मदद मांगी तो पिछले हफ्ते शनिवार को संस्था के सामान को अस्पताल से बाहर निकाला गया। तब से लेकर मौजूदा समय तक यह विवाद बढ़ रहा है।
आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डा. सुरेंद्र ने बताया कि संस्था की ओर से लंबे समय से अवैध कब्जा किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन लंगर के खिलाफ बिल्कुल नहीं है, लेकिन यह व्यवस्था नियम के अनुसार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा संस्था को जगह खाली करवाने के लिए कई बार कहा जा चुका है। मामले को लेकर सरकार से जांच की मांग की गई है। इसके अलावा सरकार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट को जल्द ही सौंपा जाएगा।
प्रशासन ने लंगर स्थल का किया निरीक्षण
सोमवार को पहले अस्पताल प्रशासन की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए पत्रकार वार्ता की गई। इसके बाद अस्पताल के बाहर सरबजीत सिंह बाबी के समर्थकों ने नारेबाजी करके प्रदर्शन किया। वहीं मंगलवार को आइजीएमसी प्रशासन ने लंगर स्थल का निरीक्षण किया। प्रशासन का कहना है कि मंगलवार को भी बाबी का लंगर सुचारू रूप से चल रहा था। वहीं दूसरी संस्था भी मरीजों के तीमारदारों को लंगर देने जुटी थी। प्रशासन का कहना है कि आइजीएमसी ने आलमाइटी ब्लेसिंग संस्था को लिखित रूप में कभी भी जगह अलाट नहीं की थी। संस्था ने मनमाने ढंग से जगह को कब्जा लिया है। वहीं संस्था की ओर से अस्पताल का बिजली और पानी चोरी से इस्तेमाल किया जा रहा था।
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