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सातवें वेतनमान को अविलंब लागू करने के लिए हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करने के लिए हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा है।विश्वविद्यालयों में यूजीसी के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 03:28 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 03:28 PM (IST)
सातवें वेतनमान को अविलंब लागू करने के लिए हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा है।

मंडी, जागरण संवाददाता। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करने के लिए हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा है। हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्य को छोड़कर पूरे देश के राजकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में यूजीसी के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया है।

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अभी हाल में हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों को नए वेतनमान के अनुसार वेतन व भत्ते देने का निर्णय लिया है।

हिमाचल प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिशों के आधार पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है। हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन (एच जी सी टी ए) के राज्य उपाध्यक्ष डा ओ पी ठाकुर व स्थानीय इकाई अध्यक्ष प्रोफेसर जसवंत सिंह ठाकुर की अगुवाई में वल्लभ राजकीय महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य प्रोफेसर पूनम शर्मा के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा गया।  ज्ञापन में प्रदेश सरकार से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करने की मांग की गई है।

हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष डा ओपी ठाकुर ने कहा- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सेवंथ पे कमिशन को अभिलंब लागू करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने संयुक्त मोर्चा बनाया है। संयुक्त मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल यूजीसी सेवंथ पे कमिशन को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखेगा।  हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन की स्थानीय इकाई महासचिव प्रोफेसर अर्चना शुक्ला ने कहा- विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की नियुक्ति व पदोन्नति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंडों पर की जाती है। पूरे देशभर के विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम लागू होते हैं। पंजाब राज्य मे चुनाव के कारण कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के कारण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकों को यूजीसी के सेवंथ पे कमिशन को लागू नहीं किया गया है।

हिमाचल प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू कर सकता है।  हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन की संयुक्त सचिव डॉ बनिता सकलानी ने कहा- वर्ष 2014 के बाद महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की एमफिल व पीएचडी की इंक्रीमेंट बंद कर दी गई है। एक ही विभाग मे कुछ प्रोफेसरों को एमफिल व पीएचडी की इंक्रीमेंट दी जाती है। वर्ष 2014 के बाद एमफिल और पीएचडी धारक प्रोफेसरों की एमफिल व पीएचडी की इंक्रीमेंट बंद कर दी गई है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों की अवहेलना है।

हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर्स एसोसिएशन ने एमफिल व पीएचडी की इंक्रीमेंट को बहाल करने की सरकार से मांग की है। एमफिल व पीएचडी की इंक्रीमेंट बंद करने से देश के अनुसंधान और शोध कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हिमाचल गवर्नमेंट कालेज टीचर एसोसिएशन ने यूजीसी के मापदंडों व लोक सेवा आयोग से चयनित होने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुबंध काल को सेवा काल मे जोड़ने की प्रदेश सरकार से मांग की है।  इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफेसर डा जसवंत सिंह ठाकुर, डा दायक राम ठाकुर, प्रोफेसर प्रकाश शर्मा, प्रोफेसर विवेक कपूर, डा ओम प्रकाश ठाकुर, डा चमन, प्रोफेसर अर्चना शुक्ला, प्रोफेसर ज्योति ठाकुर, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नवीन सैनी, डॉ बनिता सकलानी सहित महाविद्यालय के प्रोफेसर ने भाग लिया।


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