आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट: हिमाचल प्रदेश की विकास दर गिरी, प्रति व्यक्ति आय भी लुढ़की, देखिए आंकड़े
Himachal Financial Survey Report हिमाचल प्रदेश की विकास दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना काल के कारण राज्य में विकास का पहिया पटरी से लुढ़क गया है। राज्य के 50 साल के इतिहास में पहली बार विकास दर माइनस में गई है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश की विकास दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना काल के कारण राज्य में विकास का पहिया पटरी से लुढ़क गया है। राज्य के 50 साल के इतिहास में पहली बार विकास दर माइनस में गई है। हिमाचल में अभी तक विकास दर कभी भी तीन फीसद से नीचे नहीं गई थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की तो इस पर कोरोना काल का असर साफ देखा गया। हिमाचल की विकास दर लुढ़क कर -6.2 फीसद व प्रति व्यक्ति आय 3.7 फीसद गिरकर 1,83,286 रुपये वार्षिक रह गई। पिछले साल हिमाचल की विकास दर 4.9 फीसद व प्रति व्यक्ति आय 1,90,407 रुपये वार्षिक थी। प्रति व्यक्ति आय को 7121 रुपये का झटका लगा है।
कोरोना ने अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर गंभीर प्रभाव डाले हैं। विकास को दोबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 8,27,712 पंजीकृत बेरोजगार हैं। कृषि एवं पशुधन क्षेत्र में स्थिर कीमतों के अनुसार 18.3 फीसद यानी 10,583 रुपये वृद्धि दिखी। सर्वेक्षण में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में मांग व आपूर्ति दोनों को गहरे झटके लगे। जिसके कारण परिवहन, खनन, वानिकी व निर्माण क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुए।
मुद्रास्फीति की स्थिति
प्रदेश में मुद्रास्फीति छह वर्षों से मध्यम रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 2915-16 में 4.4 फीसद थी, जोकि वर्ष 2019-20 में 3.5 फीसद हो गई। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक यह दर 5.3 फीसद रही, जबकि इसी अवधि के दौरान 2019 में यह दर 2.5 फीसद थी।
प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े
- वर्ष, प्रति व्यक्ति आय वार्षिक
- 2015-16,135512
- 2016-17,150290
- 2017-18,165025
- 2018-19,183108
- 2019-20,190407
- 2020-21,183286
विकास दर के आंकड़े
- वर्ष विकास दर
- 2016-17,7.0
- 2017-18,6.5
- 2018-19,7.3
- 2019-20,4.9
- 2020-21,-6.2
पर्यटन का झटका, 1.6 फीसद की गिरावट
कोरोनाकाल ने पर्यटन क्षेत्र की कमर तोड़ दी है। हालत यह कि पिछले वर्ष दिसंबर तक केवल 32.13 लाख पर्यटक ही राज्य में पहुंचे। पर्यटन क्षेत्र का विकास में 6.2 फीसद का योगदान था, जोकि घटकर 4.6 फीसद रह गया। कोरोना से पर्यटन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ और 2020 में विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों की संख्या में 81.33 फीसद की कमी दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले 1.72 करोड़ पर्यटक आए थे। इनमें करीब चार लाख विदेशी पर्यटक थे। 2010 से पर्यटकों के आने का आंकड़ा देखा जाए तो उस समय 1.32 करोड़ पर्यटक आए थे। 2017 तक पर्यटकों की आमद में वृद्धि दर्ज होती रही। उसके बाद करीब तीस लाख पर्यटक कम हुए थे। कोरोना संकट के दौर ने पर्यटन क्षेत्र से आजीविका कमा रहे दस लाख लोगों के सामने रोजी-रोटी का सवाल खड़ा हुआ।