भाजपा कार्यसमिति की बैठक पर हिमाचल की नजर, उपचुनाव में मिली हार पर चर्चा संभावित, इनसे होगा जवाब तलब
BJP Working Committee Meeting Delhi दिल्ली में होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक पर सभी की नजर है। राजनीतिक गलियारों में इस बैठक पर खूब चर्चा है। बैठक में मुख्यमंंत्री जयराम ठाकुर प्रेम कुमार धूमल पवन राणा सुरेश कश्यप शिमला में पार्टी कार्यालय से वर्चुअली हिस्सा लेंगे।
शिमला, जागरण संवाददाता। BJP Working Committee Meeting Delhi, दिल्ली में होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक पर सभी की नजर है। राजनीतिक गलियारों में इस बैठक पर खूब चर्चा है। बैठक में मुख्यमंंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, संगठन महामंत्री पवन राणा, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप शिमला में पार्टी कार्यालय से वर्चुअली हिस्सा लेंगे। वहीं, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना और सह प्रभारी संजय टंडन चंडीगढ़ से हिस्सा लेंगे। भाजपा की यह रूटीन बैठक है, लेकिन उपचुनाव परिणाम के बाद यह काफी अहम हो गई है।
उपचुनाव में चारों सीटों पर मिली हार के बाद पार्टी में अंदरूनी तौर पर काफी उठापटक है। कोई भी नेता खुलकर कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन दबी आवाज में हार के कई कारण गिना रहे हैैं। सूत्र बताते हैं कि पार्टी में टिकट आवंटन से लेकर संगठन की भूमिका सहित कई अन्य मामलों पर चर्चा हो रही है। सरकार व संगठन साथ चलने का दावा करते रहे हैैं लेकिन अब एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की बात कर सकते हैं। बैठक में बागियों पर भी कड़ी कार्रवाई करने पर चर्चा प्रस्तावित है।
प्रभारियों पर हो सकता है जवाब तलब
उपचुनाव परिणाम के बाद चारों प्रभारियों से जवाब तलब हो सकता है। पार्टी ने इन चुनावी हलकों में प्रभारियों की नियुक्ति काफी पहले कर दी थी। जुब्बल-कोटखाई में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, अर्की में डाक्टर राजीव बिंदल, फतेहपुर से बिक्रम ठाकुर और मंडी संसदीय क्षेत्र में महेंद्र सिंह ठाकुर को प्रभारी बनाया था। इनके अलावा सह प्रभारियों की नियुक्ति भी टीम के साथ की गई थी। इनसे जवाब तलब हो सकता है।
संगठन से भी मांगा जाएगा जवाब
बैठक में हिमाचल में संगठन का काम देख रहे नेताओं से भी जवाब मांगा जा सकता है। हार के कारणों से लेकर अन्य मामलों पर चर्चा संभावित है। संगठन में भी जुब्बल-कोटखाई में पूरा मंडल ही एक साथ नेता के साथ चला गया। यह भाजपा के लिए चिंता का विषय है। यदि ऐसा ही है तो भाजपा के लिए बूथ से लेकर राज्य स्तर का ढांचा बनाने का क्या फायदा होगा। दूसरा यदि इसी तरह से एक नेता के साथ पूरा मंडल ही चला जाएगा तो वर्षों तक संगठन को खड़ा करने का क्या लाभ है। इस मामले पर भी रिपोर्ट तलब की जा सकती है।