हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने बढ़ाई स्कूल प्रमुखों की टेंशन, प्रभावित हो सकता है किताबों का वितरण
Himachal Pradesh School News राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 10वीं तक के विद्यार्थियों को सरकार निशुल्क किताबें मुहैया करवाएगी। कक्षा 1 से 10वीं तक के बच्चों को यह किताबें मिलेंगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh School News, राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 10वीं तक के विद्यार्थियों को सरकार निशुल्क किताबें मुहैया करवाएगी। कक्षा 1 से 10वीं तक के बच्चों को यह किताबें मिलेंगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अपने डिपुओं को यह किताबें भेज दी हैं। यहां से स्कूल के मुखिया को जिम्मेवारी सौंपी गई है कि वह स्कूल तक किताबें पहुंचाने की व्यवस्था करें। बोर्ड ने सभी किताबों के सैट एक साथ नहीं भेजे हैं। कुछ के सैट आ गए हैं और कुछ के अभी आना बाकी हैं। जिसके चलते विभाग को ब्लॉक तक किताबें पहुंचाने में यातायात व्यवस्था की दिक्कत पेश आ रही है।
बार बार विभाग को गाड़ियां हायर करनी पड़ रही हैं। विभाग ने इसको लेकर शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखा है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग डाक्टर पंकज ललित की ओर से शिक्षा बोर्ड के सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि सभी कक्षाओं की किताबें एक साथ भेजे। विभाग के पास किताबों को बोर्ड के डिपुओं से स्कूलों तक पहुंचाने के लिए यातायात व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बजट नहीं है। बोर्ड ने कहा है कि इसकी व्यवस्था कर दी गई है।
सत्र शुरू होने के पहले दिन किताबें देने की है तैयारी
शैक्षणिक सत्र 2022-2023 में राज्य के स्कूलों के छात्रों को मुफ्त की किताबों के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों के लिए किताबें प्रिंट करवा कर भेजने का काम शुरू हो गया है। 15 फरवरी से स्कूल स्कूल शुरू होंगे। विभाग ने किताबों को बांटने के लिए भी डेडलाइन तय कर दी है। सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर, ब्लॉक एलिमेंटरी ऑफिसर से लेकर स्कूल के मुखिया की जिम्मेदारी तय की गई है। यही नहीं विभाग ने किताबों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।6-10वीं कक्षा तक के बच्चों को ये किताबें मिलेगी। इस साल शिक्षा विभाग ने किताबों के आर्डर नवंबर महीने में ही स्कूलों से मंगवा लिए थे। उसके बाद किताबों को छापने का ऑर्डर दिया।
प्रिंटिंग का भी ध्यान
किताबों की छपाई में क्वालिटी का खास ख्याल रखा गया है। पूर्व में कई बार छपाई से संबंधित कई शिकायतें आई थी। किताबों की छपाई काफी निम्न स्तर की थी। किताबों का रंग हाथ में लगता था। शिकायत मिलने के बाद विभाग ने इसकी जांच भी बिठाई थी। इस बार पूरा ध्यान बोर्ड ने रखा है।
कैसे मिलेंगी किताबें
किताबों के आबंटन के लिए क्लस्टर तय किए गए हैं। प्रिंटिंग के बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड इन किताबों को चयनित क्लस्टर को भेज दिया है। क्लस्टर से स्कूल तक किताबें ले जाने का कार्य स्कूल प्रमुखों को स्वयं करना होगा। इसके बाद स्कूल में बच्चों को पुस्तकें वितरित कर दी जाएंगी।