प्रभारी राजीव शुक्ला के सामने खुल गई हिमाचल कांग्रेस में एकजुटता की पोल, पढ़ें पूरा मामला
Himachal Congress विपाशा सदन मंडी में किसान संवाद सम्मेलन को कांग्रेस नेताओं व उनके समर्थकों ने अखाड़ा बना दिया। इससे कांग्रेस नेताओं की एकजुटता के दावों की पोल प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला के समक्ष 15 दिन में ही खुल गई।
मंडी, हंसराज सैनी। विपाशा सदन मंडी में किसान संवाद सम्मेलन को कांग्रेस नेताओं व उनके समर्थकों ने अखाड़ा बना दिया। इससे कांग्रेस नेताओं की एकजुटता के दावों की पोल प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला के समक्ष 15 दिन में ही खुल गई। कार्यकर्ताओं व नेताओं के इस व्यवहार से राजीव शुक्ला भी आहत दिखे। पानी सिर से ऊपर हुआ तो स्थिति संभालने के लिए उन्हें खुद आगे आने पड़ा। उनकी चेतावनी के बाद भी नेताओं के समर्थक अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। डेढ़ घंटे के कार्यक्रम में करीब आधा घंटा नारेबाजी व कार्यकर्ताओं को समझाने में ही गुजर गया। राजीव शुक्ला भी मात्र 11 मिनट अपनी बात रख चलते बने। नेताओं के समर्थकों के आगे प्रदेशाध्यक्ष समेत अन्य नेता भी विवश नजर आए।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थकों ने कांगणी हेलीपैड से लेकर विपाशा सदन तक उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की। अन्य नेताओं के समर्थकों से धक्कामुक्की की। कुर्सियां सिर पर उठा ली। शोर शराबे के बीच सुक्खू अपने समर्थकों को शांत करने के लिए माइक मांगते रहे, दो बार उन्होंने माइक लेने की कोशिश की, लेकिन मंच संचालक ने कोहनी मारकर उन्हें चलता कर दिया। किसानों की बजाय कांग्रेस नेता अपने हित साधते नजर आए।
प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर भी भड़ास निकाल सुना गए कि अगर सत्ता में रहते हुए कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं हुई होती तो शायद सत्ता से बाहर नहीं होते। कार्यक्रम का आयोजन वैसे तो कृषि कानून पर किसानों से सीधा संवाद करने के लिए किया गया था, लेकिन मुद्दा अटल टनल रोहतांग बना रहा। एक-दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में मंच संचालक ने मंडी जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश चौधरी को बोलने का मौका तक नहीं दिया। विवाद बढऩे की आशंका को देख प्रकाश चौधरी व उनके समर्थक शांत रहे। 2022 में प्रदेश की सत्ता में लौटने का ख्वाब देख रहे कांग्रेसी अगर ऐसे ही गुटों में बंटे रहे तो शिमला की कुर्सी हाथ नहीं आएगी। कार्यक्रम में जो कुछ हुआ उससे कांग्रेस नेता भाजपा को मुद्दा जरूर थमा गए।