Move to Jagran APP

Himachal Cabinet Decision: सरकार का बड़ा फैसला, पीटीए; पैट और पैरा शिक्षक किए जाएंगे नियमित

Himachal Cabinet Meeting हिमाचल प्रदेश कैबिनेट बैठक में पीटीए पैट और पैरा शिक्षकों को सरकार ने नियमित करने का फैसला लिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 05:57 PM (IST)
Himachal Cabinet Decision: सरकार का बड़ा फैसला, पीटीए; पैट और पैरा शिक्षक किए जाएंगे नियमित
Himachal Cabinet Decision: सरकार का बड़ा फैसला, पीटीए; पैट और पैरा शिक्षक किए जाएंगे नियमित

शिमला, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने 9897 शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा दिया है। पैरा, पीटीए व पैट शिक्षक नियमित होंगे। वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के भीतर चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) और निजी बसों की सभी सीटों पर सवारियां बैठाने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी। हालांकि अभी यह मामला परिवहन विभाग के पास जाएगा। उसके बाद अधिसूचना जारी होगी। कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर अभी तक सरकार ने बसों में 60 फीसद सीटों पर ही सवारियां बैठाने की अनुमति दी है। सरकार ने सख्त आदेश दिए कि कोई भी बस ऑपरेटर यात्रियों को खड़ा करके सफर नहीं करवा सकेगा।

loksabha election banner

मंत्रिमंडल ने पर्यटन सेक्टर को पटरी पर लाने के लिए कर्ज देने की स्वीकृति दी। इस निर्णय से होटल व्यवसायियों को 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये का कर्ज राज्य पर्यटन विकास निगम की मंजूरी के बाद मिलेगा। मंत्रिमंडल ने सेब व आम का समर्थन मूल्य 50 पैसे प्रति किलो बढ़ाने को मंजूरी दी। कॉर्टन, एंटी हेलनेट के साथ-साथ महत्वाकांक्षी महक योजना को भी स्वीकृति दी।

नियमितीकरण की राह देख रहे 6500 पीटीए, 3300 पैट व 97 पैरा शिक्षकों का इंतजार खत्म हो गया। मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद इनको नियमित करने का फैसला लिया। इनके वित्तीय लाभ और सेवा शर्तों का निर्धारण होगा। इन तीनों श्रेणियों के शिक्षकों की नियुक्तियां 2003 से लेकर 2007 के बीच में हुई थीं।

जीएसटी के आधार पर कर्ज तय

कोरोना काल की मार झेल रहे पर्यटन क्षेत्र के तहत आने वाले हॉस्पीटेलिटी सेक्टर के लिए वर्किंग कैपिटल देने की घोषणा की है। 31 मार्च तक जिन इकाइयों ने एक करोड़ जीएसटी चुकाया होगा, ऐसे संस्थानों को 50 लाख का कर्ज मिल सकेगा। इसी तरह से एक से तीन करोड़ की जीएसटी वाली इकाइयों को 75 लाख रुपये और तीन करोड़ से अधिक धनराशि का जीएसटी भुगतान करने वाली इकाइयां एक करोड़ का कर्ज ले सकेंगी। मंत्रिमंडल ने प्रावधान किया है कि राज्य पर्यटन विकास निगम की स्वीकृति प्राप्त इकाइयां कर्ज के लिए पात्र होंगी। सरकार ब्याज पर पहले दो साल के लिए सबसिडी देगी। निजी बस ऑपरेटरों को कोरोना संकट काल से उबारने के लिए एक बस पर दो लाख रुपये की वर्किंग कैपिटल मिलेगी। एक से अधिक बस वाले ऑपरेटर अधिकतम 20 लाख तक की धनराशि ले सकेंगे।

पड़ोसी राज्यों से खरीदे वाहनों पर दो फीसद शुल्क

मंत्रिमंडल ने पड़ोसी राज्यों से वाहन खरीदने वालों से दो फीसद शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। जो लोग पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इत्यादि से वाहन खरीदेंगे उन्हें अंतरराज्यीय शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। ऐसा करने से राज्य को सालाना 80 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।

125 यूनिट से ज्यादा बिजली के इस्तेमाल पर घटेगी सबसिडी

मंत्रिमंडल ने बिजली पर दी जाने वाली सबसिडी के युक्तीकरण को मंजूरी दी है। महीने में 125 यूनिट बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को ही सस्ती बिजली मिलेगी। प्रदेश में ऐसे 11 लाख उपभोक्ता हैं। 125 से 200 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने वालों की सबसिडी कम कर दी गई है। ऐसे चार लाख उपभोक्ता हैं। इनके बिजली बिल में 40 से 113 रुपये तक की बढ़ोतरी होगी। बिजली उपभोक्ताओं को सालाना 450 करोड़ रुपये की सबसिडी दी जाती है। युक्तीकरण से सरकार को 100 करोड़ की बचत होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.