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Himachal Cabinet Decisions हिमाचल प्रदेश में स्‍कूल कॉलेज अब 21 तक बंद रहेंगे नाइट कर्फ्यू का फैसला फिलहाल नहीं

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी शिक्षण संस्‍थानों को 21 अप्रैल तक बंद रखा जाएगा। इस बार शिक्षक एवं गैर शिक्षक भी नहीं आएंगे। नाइट कर्फ्यू का फैसला फिलहाल नहीं लिया गया है।

By Navneet ShramaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 03:45 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 03:45 PM (IST)
Himachal Cabinet Decisions  हिमाचल प्रदेश में स्‍कूल कॉलेज अब 21 तक बंद रहेंगे नाइट कर्फ्यू  का फैसला फिलहाल नहीं
शुक्रवार को शिमला में मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्‍सा लेते मुख्‍यमंत्री एवं बाकी सदस्‍य।

शिमला, राज्‍य ब्‍यूरो। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान 21 अप्रैल तक बंद रखे जाएंगे। यह निर्णय कोरोना  के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर लिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने शिक्षण संस्‍थानों को 15 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया था। बैठक शुक्रवार को मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्‍यक्षता में हुई। गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी देखने में आ रही है। पहले शिक्षण संस्‍थाओं में शिक्षक एवं गैर शिक्षक वर्ग आ रहा था लेकिन अब उन्‍हें भी आने से रोक दिया गया है लेकिन परीक्षाओं का शेड्यूल जारी रहेगा।

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राज्य में नाइट कर्फ्यू और राज्य में आने वाले लोगों के लिए टेस्ट की शर्त अनिवार्य करने से सरकार बची है। उसे लेकर अभी कोई फैसला इस बैठक में नहीं लिया गया है। कैबिनेट में राज्य में आने वाले लोगो के लिए टेस्ट अनिवार्य करने पर गंभीर मंथन हुआ है । मगर इसके चलते पर्यटन और ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के लिए समस्‍याएं पैदा न हों, इसलिए फिलहाल इस पर निर्णय कैबिनेट ब्रीफ के बाद सामने आएगा। कोरोना नियंत्रण को लेकर सरकार का जोर टेस्ट, ट्रेस एंड ट्रीटमेंट पर ही रहेगा।

जिन इलाकों में संक्रमण के ज्यादा मामले आएंगे उन्हें माइक्रो कंटेनमेंट जोन में बदला जाएगा, यह निर्णय भी सरकार ही लेगी। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कोरोना नियमों के साथ इन कदमों को उठाने का जिक्र कर चुके हैं।

मंत्रिमंडल की बैठक में  इसके अतिरिक्‍त सूखे की स्थिति और राजस्व  कानून में बदलाव को लेकर भी प्रस्‍तुतिकरण पर मंथन किया गया है। सूखे की हालत को देखते हुए ये तय किया गया है की मुख्य्मंत्री विभाग के मंत्रालय, आला अधिकारियों और सभी पक्षकारों से चर्चा कर अगला फैसला लेंगे।


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