Move to Jagran APP

उपचुनाव की तैयारी धराशायी, दोनों दलों को बदलनी पड़ेगी रणनीति, यहां नाम तय करने की कसरत भी थी शुरू

Himachal By Election हिमाचल प्रदेश में मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव टलने से दोनों ही दलों की तैयारी धराशायी हो गई है। चुनाव के मद्देनजर प्रदेश सरकार की ओर से कई घोषणाएं भी की गई थीं। अब भाजपा और कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 08:31 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 08:31 AM (IST)
उपचुनाव की तैयारी धराशायी, दोनों दलों को बदलनी पड़ेगी रणनीति, यहां नाम तय करने की कसरत भी थी शुरू
मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव टलने से दोनों दलों की तैयारी धराशायी हो गई है।

शिमला, अनिल ठाकुर। Himachal By Election, हिमाचल प्रदेश में मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव टलने से दोनों ही दलों की तैयारी धराशायी हो गई है। चुनाव के मद्देनजर प्रदेश सरकार की ओर से कई घोषणाएं भी की गई थीं। अब भाजपा और कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। दोनों दल दो माह से उपचुनाव की तैयारी में जुटे थे। दोनों ने प्रभारी नियुक्त कर गतिविधियां तेज कर दी थी। संगठन के बड़े नेताओं ने चुनावी क्षेत्रों में जनता की नब्ज टटोलकर अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप दी थी।

loksabha election banner

वहीं, जिन क्षेत्रों में उपचुनाव होने थे, वहां पर मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के कई कार्यक्रम हुए हैं। कई बड़ी चुनावी घोषणाएं भी इसमें हुई हैं। स्कूल से लेकर एसडीएम कार्यालय खोलने की घोषणाएं लोगों की मांग पर हुई हैं। अब इनकी अधिसूचना में देरी हो सकती है। प्रदेश भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर प्रभारियों की नियुक्ति की थी। भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं ने भी हिमाचल के नेताओं को बुलाकर बैठक कर ली थी। प्रत्याशियों के नाम पर भी चर्चा कर लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका था।

टिकट के संभावित प्रत्याशियों में आपसी जुबानी जंग से लेकर शक्ति प्रदर्शन भी काफी समय से चल रहा था। चुनाव टलने के फैसले से पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। चुनावी तैयारी को कुछ धीमा कर आने वाले समय के लिए ऊर्जा बचानी होगी और त्योहारी सीजन के बाद इसे तेज कर विपक्षी को हराने की रणनीति तैयार करनी होगी। प्रदेश में भाजपा ने मंडी संसदीय क्षेत्र से लेकर अर्की, जुब्बल कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नाम भी तय करने के लिए कसरत शुरू कर दी थी।

केंद्र के दबाव में बदला फैसला : राठौर

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि यह फैसला  केंद्र सरकार के दबाव में लिया गया है। देश-प्रदेश में समाज के हर वर्ग में भाजपा सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा और आक्रोश है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सामने देख भाजपा इन चुनाव से भाग खड़ी हुई है। किसानों-बागवानों का गुस्सा इन चुनाव को टालने का मुख्य कारण है। राठौर ने कहा कि जिन परिस्थितियों से देश प्रदेश गुजर रहा है वह सब भाजपा की नीतियों व निर्णयों का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि सरकार में लोगों का सामना करने की शक्ति नहीं रही है। अब आने वाले चुनाव में देश-प्रदेश की सत्ता से भाजपा की विदाई तय है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत लेकर एक लोकप्रिय सरकार का गठन करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.