सरकार ने भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती को दिया कैबिनेट रैंक, त्रिलाेक कपूर की भी ताजपोशी
Satpal Singh Satti सरकार ने भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
शिमला, जेएनएन। सरकार ने भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सत्ती राज्य वित्त आयोग के छठे अध्यक्ष होंगे। यह वित्त आयोग पंचायतों और नगर निकायों की आॢथक स्थिति की समीक्षा के साथ-साथ इन संस्थानों के लिए संसाधनों के आवंटन की भी सिफारिश करता है।
सतपाल सत्ती स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति का आकलन करेंगे। नगर निकायों और पंचायतों के संसाधन जुटाने के बारे में भी वह अपनी रिपोर्ट देंगे। वित्त आयोग 31 दिसंबर 2021 को रिपोर्ट देगा, जो कि अगले पांच साल के लिए मान्य होगी। यह अवधि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2027 तक रहेगी। राज्य वित्त आयोग में सतपाल सत्ती के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग सदस्य होंगे। शहरी विकास विभाग के अधिकारी भी इसमें सदस्य होंगे।
छात्र राजनीति से राजनीति का सफर
आठ साल तक प्रदेश भाजपा की कमान संभालने वाले सत्ती के नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया था। उनके नेतृत्व में पिछली बार भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा की 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लोकसभा की चारों सीटों पर भी जीत दर्ज की थी। इसके बाद हुए दो सीटों के उपचुनाव में भी जीत हासिल की थी। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव का दायित्व निभाने वाले सत्ती ने हिमाचल में भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई है। लगातार तीन बार ऊना सदर हलके से विधायक रहे सत्ती पिछली बार चुनाव हार गए थे, लेकिन प्रदेश में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। पूर्व धूमल सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे सत्ती को अब जयराम सरकार ने वित्त आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है।
त्रिलोक कपूर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष नियुक्त
भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर को हिमाचल सरकार ने वूल फेडरेशन का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। त्रिलोक कपूर 2008 में वूल फेडरेशन की कमान संभाल चुके हैं। उस दौरान उन्होंने कई योजनाएं धरातल पर उतारी थीं। मूल रूप से बैजनाथ निवासी त्रिलोक कपूर का सियासी सफर भी तीन दशक पुराना है। 1986 में एबीवीपी, उसके बाद भाजयुमो में विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2003 में केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड का सदस्य व प्रदेश वूल फेडरेशन के निदेशक रह चुके हैं।