हिमाचल की आॅनलाइन विधानसभा के ऑफलाइन विधायक, पेपर पर सवाल लिख कर भेज रहे माननीय
Himachal Assembly Winter Session देश में हिमाचल विधानसभा को पहली ई-विधानसभा होने का तमगा हासिल है लेकिन हालात यह है कि विधायक हाथ से लिखकर सवाल कर्मचारियों के हवाले छोड़ आते हैं। विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों को अपना सामान्य कार्य करने के साथ-साथ विधायकों का काम भी करना पड़ता है।
शिमला, प्रकाश भारद्वाज। देश में हिमाचल विधानसभा को पहली ई-विधानसभा होने का तमगा हासिल है, लेकिन हालात यह है कि विधायक हाथ से लिखकर सवाल कर्मचारियों के हवाले छोड़ आते हैं। विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों को अपना सामान्य कार्य करने के साथ-साथ विधायकों का काम भी करना पड़ता है। सरकार ई-कैबिनेट शुरू करने की तैयारी में है। मंत्रिमंडल बैठक के शिखर हाल में 16 लैपटॉप लगाए जा रहे हैं। अगले वित्त वर्ष से पहले सरकार ई-कैबिनेट शुरू करेगी, मंत्रियों को ऑनलाइन एजेंडा मिलेगा और बैठक की पूरी कार्रवाई ऑनलाइन होगी। ई-कैबिनेट के लिए सरकार के आला अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसके लिए दो बैठकें आयोजित हो चुकी हैं।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का कहना था कि सभी विधायकों का नैतिक दायित्व है कि वह ऑनलाइन सवाल पूछें। देखने में आया है कि हर सत्र के दौरान विधायकों की ओर से ऑफलाइन अधिक काम किया गया होता है।
2014 में ई-विधान
प्रदेश में 2014 में 12वीं विधानसभा के दौरान ई-विधान प्रणाली शुरू हुई थी और ऑनलाइन सवाल भेजने की व्यवस्था की गई। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदस्यों से आग्रह किया था कि ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करें। कोई भी विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में बैठकर प्रश्न और चर्चा के लिए मुद्दों को भेज सकते हैं।
पिछले सत्र में विधायकों की हालत
विधानसभा के मानसून सत्र के लिए 664 सवाल विधानसभा सचिवालय पहुंचे। इनमें से 479 तारांकित और 185 अतारांकित हैं। महत्वपूर्ण यह कि तारांकित 330 और अतारांकित 99 सवाल ऑनलाइन पहुंचे। बैठकों में शामिल होने के लिए आने वाले विधायकों ने लिखकर भी सवाल नोटिस ऑफिस को भेजे। जिनकी संख्या करीब ढाई सौ है।