हिमाचल में जमा दो की परीक्षा पर कैबिनेट में होगा फैसला, केंद्र के निर्णय के बाद प्रदेश में भी रद हो सकती हैं परीक्षाएं
Himachal 12th Board Exam हिमाचल प्रदेश में 10 जमा दो (12वीं) की परीक्षा पर पांच जून को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया परीक्षा करवाने या रद करने पर सरकार ही फैसला लेगी।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal 12th Board Exam, हिमाचल प्रदेश में 10 जमा दो (12वीं) की परीक्षा पर पांच जून को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया परीक्षा करवाने या रद करने पर सरकार ही फैसला लेगी। प्रदेश में दसवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला सरकार ने लिया था। जमा दो का अभी एक ही पेपर हुआ है। संभावना है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद हिमाचल में भी जमा दो कक्षा की परीक्षाएं रद हो सकती हैं। केंद्र ने राज्यों को अपने स्तर पर बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। पिछले सप्ताह केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की थी।
केंद्र ने परीक्षा को लेकर दो विकल्प दिए थे। पहले विकल्प के तहत परीक्षा पुराने पैटर्न पर यानी तीन घंटे में करवाने को कहा था, जबकि दूसरे विकल्प के तहत मुख्य विषयों की परीक्षा 90 मिनट में करवाने का विकल्प दिया गया था। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा करवाने पर सहमति जताई थी। हिमाचल में करीब एक लाख 10 हजार विद्यार्थी जमा दो कक्षा में हैं। परीक्षा नहीं होने पर विद्यार्थियों को कैसे प्रमोट करना है, इस पर भी मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
एचएएस की प्रवेश परीक्षा में छूट की मांग
शिमला। प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कोरोना से आ रही दिक्कतों से अवगत करवा कर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। यहां जारी बयान में अभ्यर्थी शशांक, देवेंद्र, नेहा, कैलाश, हेमंत, हिमलाल, रमन और सुरेश ने कहा कि इस महामारी के चलते तैयारी जिस रूप में होनी चाहिए थी उसे करने में वे असमर्थ रहे है। कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनका वर्ष 2020 में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा में अंतिम अवसर था, परंतु परिस्थितियों के कारण वे इस परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाए, जिस कारण वह अब इस परीक्षा से हमेशा के लिए वंचित रह जाएंगे। अभ्यर्थियों ने छात्र हित में देखते हुए लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है।