क्राइम व कानून व्यवस्था के लिए थानों में बनेगा अलग विंग, कांगड़ा में सर्वाधिक अपराध, देखिए आंकड़ा
Highest Crime in Kangra कानून व्यवस्था और क्राइम मामलों को देखने के लिए थानों में अलग से विंग हो इस सुझाव पर भी गौर किया जाएगा।
धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में डेढ़ वर्ष में सभी तरह के कुल 30814 मामले दर्ज किए गए हैं। जनवरी 2018 से इस साल जुलाई तक अपराधों की सजा दर 43.48 फीसद रही है जबकि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में यह दर 10.71 फीसद रही है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान किन्नौर के विधायक जगत सिंह के सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा, कई ऐसे मामलों में डिटेक्शन वर्क (पकड़े गए मामलों) का कार्य बढ़ गया है और इस वजह से केसों के नंबर में भी इजाफा हुआ है।
पुलिस सुधार पर सरकार विचार करेगी। कानून व्यवस्था और क्राइम मामलों को देखने के लिए थानों में अलग से विंग हो, इस सुझाव पर भी गौर किया जाएगा। सरकार आपराधिक मामलों का डिस्पोजल जल्द चाहेगी। इसके लिए तीन फेमिली कोर्ट, इतने ही पोक्सो मामले निपटाने वाले कोर्ट बनाए हैं। इसमें और भी बेहतर कार्य करने की कोशिश होगी। विधायक जगत सिंह नेगी ने कानून व्यवस्था और संगीन मामलों के जांच कार्य को अलग- अलग करने की मांग उठाई। कहा कि सरकार थानों में अलग से ऐसा विंग स्थापित करे, जिसके पास केवल अपराधों की जांच का ही कार्य हो, कानून व्यवस्था की ड्यूटी न निभानी पड़े।
कांगड़ा में सर्वाधिक अपराध
एक साल सात माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। कांगड़ा जिले में 5701 केस दर्ज किए गए हैं। दूसरे स्थान पर शिमला और तीसरे पर मंडी है। शिमला जिले में 4455 और मंडी में 4333 मामले दर्ज किए गए हैं। दुष्कर्म के मामलों में शिमला आगे हैं। इस जिले में 81 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि कांगड़ा में 77। सिरमौर 78 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर हैं। मंडी 68 मामलों के साथ चौथे स्थान पर।
हत्या के कितने मामले
हत्या के पुलिस जिला बद्दी में 10, बिलासपुर में 4, चंबा में 9, हमीरपुर में 3, कांगड़ा में 30, कुल्लू में 10, किन्नौर में 4, मंडी 15, शिमला 19, सिरमौर 6, सोलन 9, ऊना 16, टीटीआर यानी टूरिस्ट ट्रैफिक एंड रेलवे पुलिस में 1 मामला दर्ज हुआ। हत्या के कुल मामलों की संख्या 136 रही।