200 जड़ी-बूटियों की होगी खेती, 70 लुप्त हो रही किस्मों को बचाएगा हिमाचल, जानिए किस तरह करें उत्पादन
Herbal Plantation हिमाचल प्रदेश में अब लुप्त हो रही जड़ी-बूटियों की खेती होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। देशभर में 200 जड़ी-बूटियों का उत्पादन होगा। इनमें 70 जड़ी-बूटियां ऐसी हैं जो लुप्त हो गई हैं। 22 जड़ी-बूटियां केवल हिमाचल में ही तैयार होंगी।
मंडी, मुकेश मेहरा। हिमाचल प्रदेश में अब लुप्त हो रही जड़ी-बूटियों की खेती होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। देशभर में 200 जड़ी-बूटियों का उत्पादन होगा। इनमें 70 जड़ी-बूटियां ऐसी हैं, जो लुप्त हो गई हैं। 22 जड़ी-बूटियां केवल हिमाचल में ही तैयार होंगी। कोरोना काल में बढ़ी जड़ी-बूटियों की मांग के बाद प्रदेशभर में इनकी तलाश के लिए सर्वेक्षण करवाया था। इसमें लुप्त हो रही जड़ी-बूटियों के साथ कुछ नई भी मिली हैं। अब इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने इनके उत्पादन को मंजूरी दी है। प्रदेश में शुरू में 70 जड़ी-बूटियों की खेती होगी। इसका बीज भी केंद्र सरकार की उपलब्ध करवाएगी और जो खर्च होगा उसका 50 प्रतिशत केंद्र वहन करेगा।
बीज मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के माध्यम से मिलेगा। आरंभिक दो साल में इनकी खेती का स्तर देखा जाएगा। इसके लिए किसानों को पंचायत स्तर पर जागरूक किया जा रहा है। जड़ी-बूटियों से औषधियां बनाने वाली कंपनियां सीधे किसानों से इसकी खरीद करेंगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक औषधीय निर्माता संघ के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर लिए हैं।
इन जिलों में होगी खेती
कुल्लू, मंडी, चंबा, कांगड़ा, शिमला, किन्नौर आदि जिलों में इनकी खेती होगी। प्रति एक से दो हेक्टेयर किलो से अधिक बीज और 10 से 50 हजार तक पौधे लगेंगे। हिमाचल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 18750 हेक्टेयर में इनकी खेती होगी।
आइसीएमआर, कृषि विवि व अनुसंधान केंद्र करेंगे मदद
किसानों तक बीज पहुंचाने के लिए देशभर में कार्य कर रहे अनुसंधान केंद्र कार्य करेंगे। इसके लिए केंद्रीय मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें केंद्रीय अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर), कृषि विश्वविद्यालय व अनुसंधान केंद्र शामिल हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को उच्च गुणवत्ता का बीज उपलब्ध हो।
केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
क्षेत्रीय कार्यालय मेडिसिनल प्लांट बोर्ड जोगेंद्रनगर के निदेशक डॉ. अरुण चंदन का कहना है आयुष मंत्रालय ने 200 जड़ी-बूटियों की खेती को मंजूरी दी है। इनमें 22 ऐसी हैं जो केवल हिमाचल में ही तैयार होंगी। हिमाचल में आरंभ में 70 लुप्त हो रही जड़ी-बूटियों की खेती होगी। इनको खरीदने के लिए भी इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के साथ एमओयू हो चुका है।