जेल में कैदियों को पिला रहे हर्बल काढ़ा
कोरोना ने दो साल में देश दुनिया में तबाही मच कर रखी। पहाड़ के लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए जहां सरकार ने कई पाबंदियां लगाई है वहीं जेल प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। हिमाचल की जेल में हर्बल काढ़ा कोरोना से बचा रहा है।
शिमला, जागरण ब्यूरो। कोरोना ने दो साल में देश दुनिया में तबाही मच कर रखी। अब ओमिक्रोन का खतरा बढ़ा है। पहाड़ के लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए जहां सरकार ने कई पाबंदियां लगाई है, वहीं जेल प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। हिमाचल की जेल में हर्बल काढ़ा कोरोना से बचा रहा है। सजायाफ्ता हो या विचाराधीन कैदी, केंद्रीय कारागार कंडा में सबको काढ़ा पिलाया जा रहा है। दावा जताया गया है कि इससे कैदियों की इम्युनिटी मजबूत हो रही है। इनमें रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ी है। सप्ताह में तीन बार सोडियम हाइपोक्लोराइट का बैरकों, वार्डरलाइन व कार्यालय में छिड़काव किया जाता है, ताकि संक्रमण न आ पाएं। बैरकों के सामने सैनिटाइजर की व्यवस्था की है।
क्या है काढ़े में
तुलसी के पत्ते तीन किलो, सौंठ दो किलो, दालचीनी एक किलो, काली मिर्च आधा किलो, मुलहठी एक किलो, गिलोय सूखी दो किलो। फिर कूट कर तीन किलो शक्कर डालकर अच्छी तरह से आपस में मिश्रित किया जाता है। इसके बाद 50 ग्राम या 100 ग्राम के पैकेट में पैक होता है। एक चम्मच सामग्री दो गिलास पानी में अच्छी तरह से उबालते हैं। जब से एक गिलास रहे तब एक-एक कप दिन में दो से तीन बार सेवन होता है।
कितने कैदी कंडा जेल में
कंडा जेल में 496 पुरुष बंदी व 27 महिला बंदी हैं। सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों की संख्या 523 है। इनमें आजीवन कारावास के 63, मृत्युदंड के तीन, कठोर, कारावास के 102 बंदी शामिल हैं। जबकि 12 कैदी पैरोल पर हैं।
मुलाकात पर पाबंदी
प्रदेश की सभी जेलों में मुलाकात करने वाले वालों पर रोक लगा दी है। इस संबंध में एडीजीपी जेल एन वेणुगोपाल की ओर से ताजा निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसा ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए किया गया है। अगले आदेशों तक स्वजन कैदी से नहीं मिल पाएंगे।
सबको लगी दोनों डोज
कंडा जेल में सभी कैदियों, स्टाफ को कोरोना से बचाव के लिए टीका लग चुका है। एडीजीपी के मार्गदर्शन में कई कदम उठाए गए हैं। कैदियों के लिए काढ़ा काफी कारगर साबित हुआ है।
-गोपाल लोधटा, जेल अधीक्षक, केंद्रीय कारागार कंडा, शिमला।