महिला प्रधान के काम में पति का नहीं होगा हस्तक्षेप
साहिल ठाकुर जसवां परागपुर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए पंचायतीराज संस्थाओं के चुन
साहिल ठाकुर, जसवां परागपुर
प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों में 50 फीसद से ज्यादा महिलाएं पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्य के रूप में चुनी गई हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश के अंदर महिलाओं को पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों में 50 फीसद आरक्षण है। प्राय: देखा जाता है कि कई बार निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति तथा अन्य रिश्तेदार पुरुष पंचायतों में किए जाने वाले विकास कार्यो तथा अन्य मामलों में भी हस्तक्षेप करते हैं, जिसपर पंचायती राज विभाग ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे निर्देश जारी किए हैं कि महिला प्रधान के पति या अन्य सगे संबंधी पुरुष उनके कार्यो में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे।
विभाग को ऐसी शिकायतें निरंतर प्राप्त होती रही हैं कि महिला प्रधान और वार्ड सदस्यों के पति उनके कार्यो में दखल अंदाजी करते हैं, जिस कारण महिलाएं स्वयं कोई भी निर्णय नहीं कर पाती हैं। विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि महिला प्रतिनिधियों को दिए गए अधिकारों को छीनने वालों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज एक्ट के तहत सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति और अन्य रिश्तेदार पुरुष पंचायतों की बैठकों और अन्य खंडस्तरीय बैठकों के अलावा अन्य कार्यो में शामिल नहीं हो सकेंगे। विभाग का तर्क यह है कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि स्वयं अपने विवेक के अनुसार निर्णय करें और उनके द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों में किसी की भी दखलअंदाजी न हो। यदि विभागीय बैठकों में महिला प्रधानों और महिला वार्ड सदस्यों को आमंत्रित किया गया है तो इस स्थिति में महिला प्रतिनिधि स्वयं जाएंगी। इस बाबत हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निर्देशक केवल शर्मा ने समस्त जिला पंचायत अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। जिला पंचायत अधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा- निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए संबंधित पंचायतों को अवगत करवा दिया गया है। शिकायत मिलने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ।