सेहत के मोर्चे पर हिमाचल की तेज चाल
हिमाचल को वर्ष 1971 में जब पूर्ण राज्य का दर्जा मिला तो प्रदेश में 587 स्वास्थ्य संस्थान थे। गंभीर रोग होने पर लोगों को पीजीआइ चंडीगढ़ या अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली जाना पड़ता था। राहत यह कि सेहत के मोर्चे पर हिमाचल की चाल तेज रही है।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल को वर्ष 1971 में जब पूर्ण राज्य का दर्जा मिला तो प्रदेश में 587 स्वास्थ्य संस्थान थे। गंभीर रोग होने पर लोगों को पीजीआइ चंडीगढ़ या अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली जाना पड़ता था। राहत यह कि सेहत के मोर्चे पर हिमाचल की चाल तेज रही है। प्रदेश में अब 4,320 स्वास्थ्य संस्थान हैं।
प्रदेश में पहले धनी लोग ही उपचार करवा पाते थे। धीरे-धीरे हिमाचल ने आधारभूत ढांचा मजबूत करने के साथ विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई। पहले केवल एक ही मेडिकल कालेज था। अब लोगों को छह सरकारी व एक निजी मेडिकल कालेज के अलावा बिलासपुर में एम्स का लाभ मिल रहा है। किडनी ट्रांसप्लांट से लेकर हार्ट सर्जरी व बड़े आपरेशन प्रदेश के अस्पतालों में हो रहे हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ गरीबों का अस्पतालों में निश्शुल्क उपचार हो रहा है। आयुष्मान भारत व हिमकेयर योजना गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों के लिए वरदान है। इन योजनाओं से निश्शुल्क उपचार की सुविधा प्रदेश के 200 से अधिक अस्पतालों में है।
चिकित्सकों की कमी दूर हुई
एक वह समय था जब अस्पताल बिना चिकित्सकों के थे। अब अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी दूर हुई है। विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जा रहे हैं। चिकित्सा अधिकारी के पद रिक्त नहीं हैं। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग घर पर ही टेलीमेडिसन सेवा से विशेषज्ञ चिकित्सा का लाभ उठा रहे हैं।
-1966 में हिमाचल में पहला मेडिकल कालेज बना। वर्ष 1984 में इसका नाम इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) शिमला रखा गया।
-1986 में आइजीएमसी में अल्ट्रासाउंड मशीन व 1996 में सीटी स्कैन मशीन स्थापित की गई। वर्ष 1997 में कैथ लैब शुरू की गई।
वर्ष उपलब्धि
-2005 ओपन हार्ट सजरी आइजीएमसी में शुरू
-2005 नवजात बच्चों के लिए आइजीएमसी में इनटेंसिव केयर यूनिट शुरू
-2010 राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा 108 शुरू
-2014 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से घर छोडऩे के लिए 102 जननी एक्सप्रेस सेवा आरंभ
-2014 डायलिसिस यूनिट शुरू
-2015 104 स्वास्थ्य सेवा हेल्पलाइन शुरू
-2018 गरीबों के लिए स्वास्थ्य बीमा आयुष्मान भारत योजना
-2018 अटल आशीर्वाद योजना के तहत बेबी किट हर बच्चे के जन्म पर देने का प्रविधान
-2018 स्वास्थ्य में सहभागिता के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सेवाएं
-2021 प्रदेश में मेडिकल विश्वविद्यालय खुला।
-2021 आइजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा
-2021 बिलासपुर में एम्स की शुरुआत, विशेषज्ञ सुविधा आरंभ।
प्रदेश की स्थिति
मद 1971, 2021
जन्म दर 118 19
मृत्यु दर 15.6 6.9
शिशु मृत्यु दर 37.3 15.7
लिंग अनुपात 958 972
(लिंग अनुपात प्रति हजार की दर से)
-427124 परिवार आयुष्मान भारत योजना के तहत हिमाचल में पंजीकृत हैं। 1.23 लाख मरीज इस योजना के तहत 150 करोड़ रुपये के कैशलेस उपचार का फायदा उठा चुके हैं।
-517664 परिवार हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत हैं। इस योजना के तहत करीब 2.30 लाख मरीज कैशलेस उपचार के तहत 208 करोड़ रुपये से बीमारियों का उपचार करवा चुके हैं।
इस साल हर व्यक्ति का स्वास्थ्य कार्ड बन जाएगा। लोगों को मोबाइल फोन पर ही बीमारी के उपचार के साथ अपनी बीमारी के संबंध में सारी जानकारी मिल सकेगी। बिलासपुर स्थित एम्स में सभी प्रकार के आपेरशन की सुविधा मिलेगी। आइजीएमसी के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक चमियाणा में हर प्रकार के आपेरशन की सुविधा होगी। प्रदेश में आपातकालीन सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है जिससे गंभीर अवस्था में अस्पताल लाए जाने वाले मरीजों को बचाया जा सके और मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। स्कूली विद्यार्थियों की बीमारियों का पता लगाकर निश्शुल्क उपचार का प्रविधान किया जाएगा।
-डा. राजीव सैजल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री