अब नहीं हो सकेगी भ्रूण लिंग जांच, विभाग ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों में लगाए ट्रैकिंग डिवाइस, इस तरह होगी निगरानी
Ultrasound Centers जिला में लिंगानुपात को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके तहत जिले में अल्ट्रासाउंड सुविधा वाले सभी सरकारी एवं निजी संस्थानों में अल्ट्रासाउंड मशीनों में विशेष प्रकार के ट्रैकिंग डिवाइस लगाए गए हैं। अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित जांच की जा रही है
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। जिला में लिंगानुपात को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके तहत जिले में अल्ट्रासाउंड सुविधा वाले सभी सरकारी एवं निजी संस्थानों में अल्ट्रासाउंड मशीनों में विशेष प्रकार के ट्रैकिंग डिवाइस लगाए गए हैं। अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित जांच की जा रही है, ताकि किसी भी स्तर पर नियमों की अनदेखी न हो। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डा. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि लैंगिक असुंतलन को दूर करने के लिए सभी के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड से पूर्व भरे जाने वाले फार्म एफ 16 को भी ऑनलाइन भरने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। उन्होंने सभी अल्ट्रासाउंड संस्थानों के संचालकों से इस सॉफ्टवेयर को अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा इस डिवाइस को निर्मित करने वाली कंपनी हर संस्थान में अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ इसे जोड़ेगी, जिससे अल्ट्रासाउंड मशीन के कार्य की पूरी निगरानी संभव होगी। उन्होंने लिंग चयन एवं कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध सभी के संबंधित प्रयासों एवं सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा लोगों के रचनात्मक सहयोग से कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: हरिपुर में परीक्षा के दबाव के कारण दसवीं की छात्रा ने दुपट्टे से फंदा लगा कर ली आत्महत्या Kangra News
यह भी पढ़ें: मंडी: नशेडि़यों ने डॉक्टर की गाड़ी पर किया पेशाब, विरोध करने पर क्वार्टर का दरवाजा तोड़कर पीटा