स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकारा कांगड़ा में फैल चुका है ओमिक्रोन
कांगड़ा में ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट के मामले आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की परेशानियों बढ़ गईं हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से न तो संक्रमण दर की रफ्तार को नियंत्रित किया जा पा रहा है और न मरने वालों का आंकड़ा।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। जिला कांगड़ा में ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट के मामले आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की परेशानियों बढ़ गईं हैं, क्योंकि पिछले कुछ समय से न तो संक्रमण दर की रफ्तार को नियंत्रित किया जा पा रहा है और न मरने वालों का आंकड़ा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी यह बात स्वीकार कर ली है कि जिला कांगड़ा में ओमिक्रोन ने घर कर लिया है और न जाने कितने लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डा. गुरदर्शन गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि जनवरी माह में संक्रमण की दर एकाएक बढ़ गई है। 29 दिसंबर 2021 तक जिला कांगड़ा में सक्रिय मामले 80 शेष रह गए थे, जबकि अभी शुक्रवार शाम तक यह आंकड़ा फिर से बढ़कर 1636 पहुंच गया है। इन सक्रिय केसों में 43 कोरोना संक्रमित विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। जिसमें से 36 मरीजों की हालत खराब होने के चलते उन्हें आक्सीजन में रखा गया है।
वहीं दूसरी ओर अगर संक्रमण दर की बात की जाए तो दिसंबर माह तक जिला में संक्रमण दर 1.2 थी, जोकि अब बढ़कर 15.94 पहुंच गई है। यानि हर 100 सैंपलों की जांच में 15 से 16 सैंपलों की रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है। वहीं पिछले माह दिसबंर भर में जिला कांगड़ा में कुल 453 लोग कोरोना संक्रमित हुए थे, जबकि जनवरी माह में अब तक 7166 लोग संक्रमित हो चुके हैं। दिंसबर माह में जिला में सात मरीजों की मृत्यु हुईं थी, जबकि जनवरी में अब तक 27 लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा की आरटी-पीसीआर लैब टांडा व सीएसआइआर आइएचबीटी पालमपुर लैब से हर 15 दिनों तक प्रति लैब कम से कम 15 सैंपल दिल्ली भेजे जाते हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि जिला में कोरोना के अलग अलग वेरिएंट की क्या स्थिति है।