Move to Jagran APP

नगर निकाय के अध्यक्ष पद के लिए जोड़तोड़ की राजनीति, जानिए कांगड़ा के निकायों में क्‍या हैं समीकरण

Nikay Chunav जोड़-तोड़ की राजनीति के दम पर भाजपा ने जिला कांगड़ा के अधिकतर शहरी निकायों में अपने पार्षद बनाए लिए है। साथ ही कांग्रेस ने भी दो जगह वर्चस्व स्थापित कर ही लिया। निकायों की सरदारी का सेहरा किसके सिर सजाया जाए इसे लेकर माथापच्ची करनी पड़ रही है।

By Edited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 12:03 PM (IST)
नगर निकाय के अध्यक्ष पद के लिए जोड़तोड़ की राजनीति, जानिए कांगड़ा के निकायों में क्‍या हैं समीकरण
जोड़-तोड़ की राजनीति के दम पर भाजपा ने जिला कांगड़ा के अधिकतर शहरी निकायों में अपने पार्षद बनाए लिए है।

धर्मशाला, मुनीष गारिया। जोड़-तोड़ की राजनीति के दम पर भाजपा ने जिला कांगड़ा के अधिकतर शहरी निकायों में अपने पार्षद बनाए लिए है। साथ ही कांग्रेस ने भी दो जगह वर्चस्व स्थापित कर ही लिया। निकायों की सरदारी का सेहरा किसके सिर सजाया जाए, इसे लेकर दोनों की पार्टियों को माथापच्ची करनी पड़ रही है। कुछ नगर परिषदों में दबे स्वरों से अध्यक्ष पद की कथित घोषणा की आवाज निकल रही है तो दूसरा ताल ठोंकने के लिए आतुर है। कारण यह है कि वह पहले भी सत्तासीन रह चुका है और नैतिकता के आधार पर पार्टी को देखना चाहिए। हर नगर परिषद व नगर पंचायत में अध्यक्ष पद किसे सौंपें, इसके लेकर कई नामों के ईर्द गिर्द अध्यक्ष के ताज का पहिया घूम रहा है। नगर परिषद देहरा की स्थिति यह है कि यहां आरक्षण के दम पर एक महिला पार्षद को अध्यक्ष पद देना कांग्रेस की मजबूरी है। यहां अध्यक्ष पद एससी महिला के लिए आरक्षित है और जीते हुए पार्षदों में वार्ड तीन से सुनीता ही एकमात्र एससी पार्षद हैं।

loksabha election banner

मजेदार होगी नगर पंचायत शाहपुर की सरदारी

नगर पंचायत शाहपुर में किसे अध्यक्ष चुना जाता है, यह देखना मजेदार होगा। सात वार्डों वाली नगर पंचायत के परिणाम घोषित होने के साथ ही भाजपा ने दावा किया कि उसके पांच पार्षद जीते हैं, जबकि कांग्रेस का कहना है कि चार पार्षद उनके हैं। यहां अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित है। धरातल पर नजर दौड़ाई जाए तो शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड चार से शुभम ठाकुर ही एकमात्र पुरुष पार्षद हैं, जिनकी पृष्ठभूमि भाजपा से है। अन्य अधिकतर निर्दलीय ही हैं एवं साफ शब्दों में उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। हालांकि यहां चार महिला पार्षद भी हैं, लेकिन अभी तक इन सभी को निर्दलीय ही माना जा रहा है। इन चारों में वार्ड छह से किरण की ओर सबकी निगाहें हैं। किरण साधन संपन्न और रसूखदार परिवार से है। राजनीतिक पंडित भी किरण को भी अध्यक्ष का दावेदार मान रहे हैं।

नूरपुर में शिब्बू अध्यक्ष व रजनी हो सकती हैं उपाध्यक्ष

नूरपुर के इतिहास में पहली बार भाजपा का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनेगा। चुनाव प्रचार के दौरान ही वन मंत्री राकेश पठानिया ने घोषणा कर दी थी कि यदि नगर परिषद चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला तो अशोक शर्मा शिब्बू नगर परिषद के अध्यक्ष होंगे। अशोक शर्मा ने वार्ड 8 से रिकॉर्ड 215 मतों के विशाल अंतर से चुनाव जीता है और उनका अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। उपाध्यक्ष पद के लिए वार्ड दो की पार्षद रजनी महाजन के नाम की चर्चा है। रजनी महाजन ने कांग्रेस नेता अजय महाजन की चाची को पराजित किया है। ऐसे में वह उपाध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे है।

जवाली में नहीं है स्थिति साफ

जवाली नगर पंचायत में कांग्रेस ने इस बार भी नौ में से सात सीटें हासिल कर भाजपा को झटका दिया है। पिछली बार भी भाजपा के पास चार सीटें थी, कांग्रेस के पास पांच थीं। सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा ने भारी फेरबदल कर नगर पंचायत में चेयरमैन बनाकर वर्चस्व कायम कर लिया था लेकिन इस बार कांग्रेस ने सात सीटों पर कब्जा किया है। जाहिर सी बात है कि इस बार जवाली नगर पंचायत में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष कांग्रेस के ही होंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं पिछली बार की तरह इस बार भी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए कोई उलटफेर न हो जाए। जवाली नगर पंचायत में अध्यक्ष पद एससी ओपन है और चुने हुए लोगों में दोनों ही पार्षद कांग्रेस के समर्थित हैं। कांग्रेस के दिग्गज चंद्र कुमार ने निकाय चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल बताया था। अब देखना है कि अध्यक्ष पद के लिए चंद्र कुमार और पार्टी के बीच क्या समन्वय बनता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.