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सस्ता राशन बंद करने के लिए केंद्रीय आयकर विभाग से मांगा रिकॉर्ड, दस हजार का राशन हो चुका है बंद

Subsidized Ration हिमाचल सरकार ने आयकरदाताओं के लिए उपदान पर मिलने वाले सस्ते राशन को बंद करने के लिए अब केंद्रीय आयकर विभाग से रिकॉर्ड मांगा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 08:59 AM (IST)
सस्ता राशन बंद करने के लिए केंद्रीय आयकर विभाग से मांगा रिकॉर्ड, दस हजार का राशन हो चुका है बंद
सस्ता राशन बंद करने के लिए केंद्रीय आयकर विभाग से मांगा रिकॉर्ड, दस हजार का राशन हो चुका है बंद

शिमला, जेएनएन। हिमाचल सरकार ने आयकरदाताओं के लिए उपदान पर मिलने वाले सस्ते राशन को बंद करने के लिए अब केंद्रीय आयकर विभाग से रिकॉर्ड मांगा है। चार माह बाद भी तक केवल दस हजार कर्मचारियों का ही सस्ता राशन बंद हुआ है। शेष पचास हजार कर्मचारियों को राशन के दायरे से बाहर करने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य कोषागार ने साठ हजार कर्मचारियों का रिकॉर्ड दिया है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में कितने कर्मचारी आयकर चुकाते हैं और आयकर चुकाने वाले व्यवसायियों का आंकड़ा कितना है इसके लिए केंद्रीय आयकर विभाग को पत्र लिखा है।

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सरकारी व सार्वजानिक उपक्रमों में सेवारत कर्मचारियों की संख्या पौने तीन लाख बताई जाती है। आयकर विभाग से आयकरदाताओं का आंकड़ा प्राप्त होने के बाद सस्ते राशन के दायरे से लोग बाहर किए जाएंगे। शिमला स्थित आयकर विभाग के अनुसार पहली अप्रैल 2020 तक राज्य में 5.14 लाख आयकरदाता थे और 2019-20 में आयकर चुकाने वालों की संख्या 4.48 लाख थी।

डेढ़ लाख आयकरदाता

राज्य में सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में आयकर चुकाने वालों की संख्या डेढ़ लाख के करीब है। राज्य कोषागार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार आयकर चुकाने वाले कर्मचारी साठ हजार हैं। सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा प्रदेश उच्च न्यायालय से अभी आयकर भुगतान करने वालों का रिकॉर्ड नहीं मिला है।

आयकर चुकाने वाले सभी लोगों को सस्ते राशन के दायरे से हटाया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है, सभी आयकरदाताओं से सस्ते राशन की सुविधा वापस ली जाएगी। इसके लिए आयकरदातों का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। -मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले।


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