हिमाचल के शहरी युवाओं को रोजगार देने के लिए योजना को कानूनी रूप देगी सरकार
Employment to Urban Youth हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को कानूनी रूप मिलेगा। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में युवाओं को 100 फीसद रोजगार सुनिश्चित करने के मद्देनजर सरकार योजना को कानूनी रूप देने की संभावनाएं तलाश रही है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Employment to Urban Youth, हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को कानूनी रूप मिलेगा। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में युवाओं को 100 फीसद रोजगार सुनिश्चित करने के मद्देनजर सरकार योजना को कानूनी रूप देने की संभावनाएं तलाश रही है। मनरेगा की तर्ज पर योजना को कानूनी रूप देने की स्थिति में इसका अलग से कानून व नियम बनेंगे। सरकार को हर साल इसके लिए अलग से बजट देना होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना संकट काल में शहरी युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए सरकार ने मई 2020 में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की थी। योजना के तहत अब तक करीब 5 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। योजना के तहत शहरी क्षेत्र के युवाओं को 120 दिन का रोजगार मिलता है। मनरेगा की तर्ज पर ही रोजगार के लिए आवेदन करने वाले युवकों को सरकार को काम देना पड़ता है, काम न देने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ते का भी प्रावधान है। यह योजना मांग आधारित है। जैसे इस योजना से युवा जुड़ते जाते हैं, उनकी मांग अनुसार सरकार इसके लिए बजट का प्रावधान करती रहती है। कानून के दायरे में आने के बाद सरकार को हर वर्ष इसके लिए अलग से बजट का प्रविधान करना अनिवार्य होगा।
योजना के तहत सरकार ने व्यवस्था की है कि यदि किसी भी शहरी निकाय में इस योजना के तहत आवेदन किया है और उसे 15 दिन में रोजगार नहीं मिलता है तो सरकार उसे 75 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता मिलेगा।
मनरेगा की तरह मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा। इसकी संभावना का पता लगाया जा रहा है। ड्राफ्ट तैयार कर इसे मंत्रिमंडल बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा।
सुरेश भारद्वाज, मंत्री, शहरी विकास विभाग।