15 वर्षीय निधि के सामने दिव्यांग हो रहीं सरकार की योजनाएं
देश सहित प्रदेश में बेटियों को लेकर भले ही बड़ी योजनाएं चल रही है लेकिन प्रदेश में बेटियों के हालात देखकर ऐसा लगता है कि यह योजनाएं सिर्फ शहरों में लगे बड़े-बड़े होर्डिंग पर योजनाओं का प्रचार ही रह गया है।
बैजनाथ, जेएनएन। देश सहित प्रदेश में बेटियों को लेकर भले ही बड़ी योजनाएं चल रही है, लेकिन प्रदेश में बेटियों के हालात देखकर ऐसा लगता है कि यह योजनाएं सिर्फ शहरों में लगे बड़े-बड़े होर्डिंग पर योजनाओं का प्रचार ही रह गया है। योजनाओं का लाभ केवल कागजों में सरकार और प्रशासन की प्रचार होड़िंग में ही दिख रहा है अगर ऐसा ना होता तो एसडीएम और तहसील कार्यालय बैजनाथ से लगभग 3 किलोमीटर दूर एक बेटी आज बद से बदतर हालात में नहीं जी रही होती।
यह घटना है कांगड़ा जिले की विधानसभा व तहसील बैजनाथ के पंचायत गदियाडा के लंगू वार्ड की 15 वर्षीय दिव्यांग निधि की है। निधि की मुस्कुराहट जितनी सुंदर है उतनी ही बदनसीब उसकी कहानी है। गरीब परिवार से संबंधित दिव्यांग निधि को न तो सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी योजनाओं का अब तक कोई लाभ मिला है इतना ही दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। परिवार के हालत भी इस तरह के है कि जहां अपनी बीमार बच्ची जिसका इलाज करवाने में असमर्थ है वह शौचालय बनवा सके यह सोचना ही बड़ा मार्मिक है।
विकास की शुरूवाती सीढ़ी कहीं जाने वाली पंचायत जिसका कार्यालय दिव्यांग और लाचार बेटी निधि का घर महज 40 कदम की दूरी पर है। उस ही पंचायत की प्रधान जो पिछले 15 वर्षों से अपने विकास के डंके सोशल मीडिया और मीडिया में पीट रही है और एक बार फिर चुनावी मैदान में कूदने की पूरी तैयारी में है जिसके लिए वह अपने वह अपने पिछले 15 वर्षों से किए विकास का हवाला दे रही है।
वर्ष 2020 में दिव्यांग निधि भी 15 वर्ष की हो गई है
लेकिन पंचायत के किए विकास भी दिव्यांग निधि और उसके परिवार तक की 40 कदम की दूरी तय करने में 15 वर्ष का समय तो लग गया। लेकिन अभी भी पहुंच नहीं पाया है। आगे कितना समय लगेगा यह कहना अभी मुश्किल होगा। दिव्यांग निधि के लिए सरकार और प्रशासन से क्या मदद मिलेगी वह अभी देखना बाकि है लेकिन बड़का भाऊ टीम के संस्थापक बड़का भाऊ उर्फ समाजसेवी संजय शर्मा दिव्यांग निधि के घर मदद के लिए पहुंच गए है। शुरूवात में उन्होंने निधि के लिए एक शौचालय बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है साथ ही उन्होंने निधि के परिवार से उसके इलाज के लिए आने वाले खर्च को भी उठाने की बात कही है।
बड़का भाऊ की मदद से दिव्यांग निधि के चहरें पर एक नई उमंग और मुस्कान आई है,, शरीर से बेटी निधि भले ही दूसरे पर आश्रित है लेकिन उसके हौंसले के आगे सरकार व प्रशासन के साथ साथ उसकी योजनाएं दिव्यांग होती नजर आ रही है ,,
निधि की मदद के लिए पहुंचे समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि प्रशासन और सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि मुझे बेटी निधि के होंसलों के आगे प्रशासन और सरकार बोने नजर आ रहें है उन्होंने कहा कि मुझे निधि के हौंसले पर भरोसा है कि जल्द वह एक दिन अपने पैरों पर खड़ी होगी।