छात्रवृत्ति घोटाला: कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर भी ठगे गए प्रदेश के छात्र, पढ़ें पूरा मामला
केंद्र की योजना के तहत निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर गिरोह ने पूरे हिमाचल में हजारों छात्रों के साथ धोखाधड़ी की।
ऊना, राजेश शर्मा। केंद्र की योजना के तहत निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर गिरोह ने पूरे हिमाचल में हजारों छात्रों के साथ धोखाधड़ी की। ऊना के अलावा चार अन्य जिलों में भी इस गिरोह का मजबूत नेटवर्क था। इस घोटाले के तार चंडीगढ़ से भी जुड़े हुए हैं। अधिकांश छात्रों की छात्रवृत्ति के तहत मिलने वाली राशि की चंडीगढ़ की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से अदायगी हुई है। यहां तक कि ऊना के कई छात्रों के खाते बिना बताए चंडीगढ़ में खोल दिए गए। कुछ छात्र तो कभी चंडीगढ़ गए ही नहीं। अब सीबीआइ चंडीगढ़ में बैंक का खातों से जुड़ा रिकॉर्ड भी कब्जे में ले सकती है।
संस्थानों में प्रबंधक अधिकांश उन छात्रों की तलाश में रहते थे, जो अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित हों। इस शर्त पर भी प्रवेश दिया जाता था कि उनको बिना केंद्र में आए पूरा लाभ भी मिलता रहेगा व बाद में डिग्री भी मिल जाएगी। कई ये संस्थान कंप्यूटर के अलावा अन्य डिग्री कोर्स भी करा रहे थे।
सीबीआइ की चार टीमें जुटी हैं मामले की छानबीन में
सीबीआइ की चार टीमें पूरे मामले की छानबीन में जुटी हैं। प्रदेश के अलावा पंजाब और चंडीगढ़ में कार्रवाई की जा रही है। रविवार को सीबीआइ की टीम ने ऊना जिले में कई लोगों से उनके घरों पर पहुंचकर जानकारी हासिल की है। इसमें कुछ छात्रों ने उनको मिलने वाली छात्रवृत्ति और कुछ ने डिग्री समेत बैंक खातों को लेकर जानकारी न होने की बात कही है।
फर्जी दाखिले भी करवाए
कुछ छात्रों से पूछताछ में यह खुलासा भी हुआ है कि उनके संस्थान ने दो-दो बैंकों में खाते खुलवा रखे थे। इससे यह भी शक जाहिर किया जा रहा है कि कुछ छात्रों की एक डिग्री पूरी होने के बाद उसका रिकॉर्ड किसी अन्य डिग्री के लिए इस्तेमाल होता रहा है। मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि हड़प की जाती रही।