फोरलेन संघर्ष समिति की दोटूक: पैंतरेबाजी छोड़कर जल्द निर्माण कार्य शुरू करवाए सरकार Kangra News
fourlane committee फोरलेन योजना में सरकार की ओर से नए सर्वे तथा मुआवजे को लेकर अपनाई जा रही नई पैंतरेबाजी को छोड़कर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू किया जाए।
जसूर, जेएनएन। राष्ट्रीय राजमार्ग पठानकोट-मंडी पर प्रस्तावित फोरलेन योजना में सरकार की ओर से नए सर्वे तथा मुआवजे को लेकर अपनाई जा रही नई पैंतरेबाजी को छोड़कर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू किया जाए। योजना से प्रभावित हो रहे लोग पहले ही बुरी तरह त्रस्त हैं। यह बात फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर के अध्यक्ष दरबारी लाल ने संघर्ष समिति की हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहते हुए कही। उन्होंने सरकार से मांग की कि योजना के पहले चरण में बनने वाले कंडवाल से सियूनी तक के भाग के निर्माण को शीघ्र शुरू किया जाए। भौगोलिक स्थिति से उक्त भाग पर समतल और स्पाट स्थल है।
उन्होंने कहा 2017 में शुरू हुई इस परियोजना के विभिन्न चरण पूरे होने के साथ ही नोटिफिकेशन कर एनएच स्थित जमीन पर विभाग ने बुर्जियां लगाकर अरसे से अधिग्रहण कर रखा है। एक्ट में मौजूद प्रावधानों के अनुसार प्रभावितों को समय पर मुआवजा न देने की स्थिति में उक्त अवधि के लिए 12 फीसदी ब्याज देने की व्यवस्था है, इसलिए विभाग को उक्त राशि प्रदान करें। अधिग्रहण के चलते लोग पिछले तीन साल से असमंजस में हैं।
यहां प्रभावित न तो कोई भवन निर्माण कर पाए और न ही व्यावसायिक परिसर विकसित कर पाए, जिस कारण प्रभावित कारोबारियों का व्यापार भी बुरी तरह चौपट रहा। समिति प्रधान के अनुसार मुआवजे के लिए तय मापदंड अर्थात सर्कल रेट को अब कथित तौर पर ज्यादा बताया जा रहा है और मुआवजे पर भी अड़ंगा लगाया जा रहा है, जिसमें उन प्रमुख सड़कों का हवाला दिया जा रहा है जो कई दशक पहले बन चुकी हैं। समिति का कहना है उस समय के मुकाबले वर्तमान में भूमि के मूल्य में भारी वृद्वि हो चुकी है।
नई मुआवजा नीति के तहत व्यावसायिक परिसरों के लिए अलग प्रावधान है। जब सरकार अपने विजन डॉक्यूमेंट और प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक तौर पर यह बात कही गई थी कि प्रभावित लोगों को फैक्टर 2 के हिसाब से मुआवजा मिलेगा तो फिर इसमें अब टालमटोल की नीति अपना कर और तकनीकी आड़ क्यों ली जा रही है। दरबारी लाल के अनुसार यदि सरकार नया सर्वे करवाने पर ही आमादा है तो संघर्ष कर रही समितियों से दो-दो सदस्यों को सर्वे में शामिल किए जाए। इस अवसर पर समिति सदस्य विजय हीर, सुभाष पठानिया, डाॅक्टर अशोक शर्मा, राजन शर्मा, ईश्वर चंद, सुखदेव गुलेरिया, राकेश कुमार सहित अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।