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राकेश कालिया बोले, कोविड काल में मंदी की मार झेल रहे लोगों को दो साल तक राहत दे सरकार

Former MLA Rakesh Kalia पिछले दो साल से कोरोना की मार झेल रहे व कारोबार न चलने से परेशान कारोबारियों को राहत दी जानी चाहिए। सहकारी बैंकों सहकारी सभाओं के डिफाल्टर हो चुके छोटे कारोबार से जुड़े लोगों को आगामी दो साल तक हिमाचल प्रदेश सरकार तत्काल रिलेक्सेशन प्रदान करे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 02:16 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 02:16 PM (IST)
राकेश कालिया बोले, कोविड काल में मंदी की मार झेल रहे लोगों को दो साल तक राहत दे सरकार
पूर्व सीपीएस एवं गगरेट के पूर्व विधायक राकेश कालिया

गगरेट, संवाद सहयोगी। Former MLA Rakesh Kalia, पिछले दो साल से कोरोना की मार झेल रहे व कारोबार न चलने से परेशान कारोबारियों को राहत दी जानी चाहिए। सहकारी बैंकों, सहकारी सभाओं के डिफाल्टर हो चुके छोटे कारोबारियों, दुकानदारों, सप्लायरों, पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों आदि को आगामी दो साल तक हिमाचल प्रदेश सरकार तत्काल रिलेक्सेशन प्रदान करे। ये बात पूर्व सीपीएस एवं गगरेट के पूर्व विधायक राकेश कालिया ने कही। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग चूंकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास है। लिहाजा मुख्यमंत्री से निवेदन है इस गंभीर विषय पर संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई कर प्रभावित वर्गों को राहत पहुंचाई जाए, जिसके तहत आने वाले कम से कम 2 साल की अवधि तक किसी भी डिफाल्टर छोटे कारोबारी, दुकानदार, सप्लायर आदि को ऋण उगाही के लिए नोटिस न भेजा जाए और ना ही उस पर कोई अन्य कानूनी कार्रवाई की जाए।

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उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के मंत्री दावा करते हैं कि हमने राज्‍य के लिए करोड़ों रुपये का राहत पैकेज प्राप्त किया है। हम इस बात का स्वागत करते हैं मगर अगर राहत पैकेज प्राप्त किया है तो उसका लाभ छोटे कारोबारियों, दुकानदारों, किसानों, मजदूरों को प्राप्त क्यों नहीं हो रहा? कोरोना महामारी के विकट समय में भी सरकार का सहकारी विभाग उनके ऊपर ऋण अदायगी के लिए क्यों कड़ी कार्रवाई करने के लिए अड़ा हुआ है और उनकी जमीनें, आदि नीलाम करने की प्रक्रिया क्यों जारी रखे हुए है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सर्वविदित है कि सभी छोटे कारोबारी, दुकानदार, किसान, पर्यटन कारोबारी प्रदेश के क्षेत्रीय सहकारी बैंकों व सहकारी सभाओं से जुड़ कर कारोबार करते हैं। पूर्व में इन्हीं वर्गों ने करोड़ों अरबों रुपये से इन सहकारी बैंकों के माध्यम से सरकार को कमा कर दिए हैं इसलिए अब जब कोरोना काल में इनके कारोबार ठप पड़े हुए हैं तो सरकार और मुख्यमंत्री को भी अविभावक की तरह इन वर्गों के सिर पर अपना हाथ रखना चाहिए और राहत प्रदान करनी चाहिए।

राकेश कालिया ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के उपरांत कांग्रेस सरकार बनने पर इन वर्गों को कोरोना से हुई हानि की भरपाई करने और इनके कारोबार को पटरी पर लाने के लिए विशेष योजना लाने के प्रयास किए जाएंगे।


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