नगर निगम चुनाव प्रचार में नहीं उतरे वीरभद्र सिंह, सोलन में तय कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे, पढ़ें पूरा मामला
Himachal Nagar Nigam Chunav सोलन नगर निगम में कांग्रेस की अंतिम चुनावी रैली में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का कार्यक्रम रद हो गया है। उनके स्थान पर यहां उनके पुत्र एवं शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह पहुंचे हैं।
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। Himachal Nagar Nigam Chunav, सोलन नगर निगम में कांग्रेस की अंतिम चुनावी रैली में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का कार्यक्रम रद हो गया है। उनके स्थान पर यहां उनके पुत्र एवं शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पिता को चिकित्सकों ने कोरोना के चलते भीड़भाड़ में आने से मना किया है। सोलन नगर चुनाव को लेकर प्रचार का आज अंतिम दिन है और शाम पांच बजे चुनाव चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। सोलन में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विशाल जनसभा रखकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की जनसभाओं का जबाव देने की रणनीति बनाई थी। वीरभद्र सिंह छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे है, लिहाजा प्रदेश के लोग आज भी उनसे प्रभावित होते हैं। अभी तक कांग्रेस केवल चुनाव पर्यवेक्षक व सुजानपुर के विधायक राजिंद्र राणा व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर की ही जनसभाएं सोलन में हुई हैं।
अब विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री व विधायक रामलाल ठाकुर व विनय कुमार भी प्रचार के लिए पहुंचे हुए है। वहीं भाजपा ने एक सप्ताह के भीतर सीएम जयराम ठाकुर को दो बार बुलाकर अलग अलग वार्डों में सात चुनावी जनसभाएं करवा दी है। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मंत्री व निगमों बोर्डों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव फतह करवाने के लिए बागडोर संभाले हुए है।
नाहन के विधायक व सोलन के प्रभारी डॉ. राजीव बिंदल, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल व मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा भी निगम चुनाव में पार्टी की जीत के लिए जिम्मा संभाले हुए है। दोनों बड़े दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, अब सात अप्रैल को ही पता चलेगा कि जनता जनार्दन किस दल को निगम में सत्ता की चाबी सौंपती है।
अब गुपचुप होगा प्रचार
आज शाम चुनाव प्रचार थमने के बाद चुनावी शोर थम जाएगा। हालांकि प्रत्याशी गुपचुप तरीके से व्हाटसएप व फोन के अलावा इंटरनेट मीडिया पर भी प्रचार जारी रखेंगे। नगर निगम बनने के बाद सोलन का यह पहला चुनाव है और वो भी पार्टी चिन्ह पर, इसलिए दोनों बडे दलों का धुंआधार प्रचार लोगों को इस चुनाव में देखने को मिल रहा है। अभी तक चुनाव शोर था और अब इन दो दिनों में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी जोर अजमाईश करेंगे। हालांकि अधिकांश मतदाता ने अब तक मन बना लिया होता है कि किसे अपना नेता चुनना है।