विदेश से वर्चुअल सिस्टम से कॉल कर युवतियों को जाल में फंसा रहे शातिर, साइबर थाने में पहुंचे तीन मामले
Foreigner Cyber Fraud अब साइबर ठग वर्चुअल सिस्टम से युवतियों को ब्लैकमेल कर रहे हैं। प्रदेश में इस तरह के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
शिमला, जेएनएन। अब साइबर ठग वर्चुअल सिस्टम से युवतियों को ब्लैकमेल कर रहे हैं। इसमें आपके मोबाइल पर कॉल आते वक्त नंबर तो भारत का दिखेगा, लेकिन असल में यह विदेश से कॉल हो रही होगी। इसी तरह विदेश में बैठकर भी अन्य देशों की मोबाइल कंपनियों के नंबर फेक डिस्प्ले कर रहे हैं। इसकी शिकार युवतियां ज्यादा हो रही हैं। इसी तरह के ठग गिरोह के बिछाए जाल में हिमाचल की तीन युवतियां फंसी हैं। ये शिमला और कांगड़ा की हैं। पहले उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के साथ इंस्टाग्राम और फेसबुक पर चैटिंग की। इसमें अज्ञात लोगों के झांसे में आकर अपनी आपत्तिजनक फोटो शेयर कर दी। इसके बाद ठगों ने वर्चुअल नंबर से वाटसएप कॉल की। इसमें इन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई।
युवतियों को चेतावनी दी गई कि वे अगर वे और तस्वीरें नहीं भेजती हैं तो वे पहले वाली अश्लील साइट पर अपलोड कर देंगे। इस संबंध में सीआइडी के साइबर थाने के पास तीन अलग-अलग शिकायतें आई हैं। इन तीनों की जांच शुरू हे गई है। साइबर सेल को शक है कि ठग विदेशी हो सकते हैं। लेेकिन ऐसे नंबरों से भारत के किसी भी राज्य के अंदर भी युवतियों को ठगा जा सकता है। ऐसे नंबर कुछ समय के लिए फ्री में उपलब्ध हो जाते हैं, लेकिन बाद में इनके बदले पैसे चुकाने होते हैं।
हर कॉल को मानें जाली
सीआइडी ने लोगों खासकर महिलाओं को सलाह दी है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली ठगी से बवने के लिए हरेक कॉल को जाली मानकर चलें। जब तक इसके जेनयुन होने का पता नहीं लगता, तब तक किसी भी प्रकार के संदेश पर रिस्पांड न करें। चाहे डिजिटल फार्मेट का कोई भी कोई संदेश क्यों न हों। अगर रिस्पांड किया तो बाद में पछताने के अलावा दूसरा चारा नहीं होगा।
कंपनी का नंबर समझ कर 50 हजार ठगे
एक वर्ष पहले शिमला में इंडियन ऑयल कंपनी के एक डीलर को अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया था। वर्चुअल नंबर से उसने कंपनी का नंबर समझा। उसने अपने आप को कंपनी का ओहदेदार बताया और 50 हजार रुपये बैंक में जमा करवाने को कहा। बाद में पता चला कि यह ओहदेदार नहीं ठग था।
क्या बरतें सावधानी
साइबर हमले से बचने के लिए आने लैपटॉप या कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को समय- समय पर अपडेट करें।
अपने वेब ब्राउजर को सुरक्षित रखने के लिए आप एड- ब्लॉकर जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें
कमजोर और साधारण पासवर्ड 80 फीसद हैकिंग के लिए जिम्मेवार हैं
महिलाएं पहली नजर में सभी तरह की कॉल को ही फेक समझें, अच्छी तरह से जांच पड़ताल करने के बाद ही रिस्पांड करें। अज्ञात व्यक्तियों से सोशल मीडिया के माध्यमों से चैटिंग न करें। किसी के मांगने पर अपनी आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर न करें। -नरवीर राठौर, एएसपी, साइबर क्राइम।