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एरियर से बचने के लिए लगाई पांच और चार साल की शर्त

पे बैंड के लाभ पाने के मसले में राज्य सरकार ने एरियर के वित्तीय बोझ से बचने के लिए नियमित पुलिस जवानों पर अनुबंध कर्मियों की शर्त लगा दी है। हालांकि पहले से तीन से चार साल पहले वित्तीय लाभ मिलेंगे लेकिन अब भी जवान पूरी तरह खुश नहीं हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:46 PM (IST)
एरियर से बचने के लिए लगाई पांच और चार साल की शर्त
एरियर से बचने के लिए लगाई पांच और चार साल की शर्त

शिमला,राज्य ब्यूरो। पे बैंड के लाभ पाने के मसले में राज्य सरकार ने एरियर के वित्तीय बोझ से बचने के लिए नियमित पुलिस जवानों पर अनुबंध कर्मियों की शर्त लगा दी है। हालांकि पहले से तीन से चार साल पहले वित्तीय लाभ मिलेंगे लेकिन अब भी जवान पूरी तरह खुश नहीं हैं। वे दो साल के सेवाकाल के बाद नियमित पे बैंड चाहते हैं।

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दो साल के प्रोबेशन का राइडर वर्षों से लागू है। यह व्यवस्था सभी कर्मचारियों के लिए है। इनमें ज्यादातर वे कर्मचारी हैं जो अनुबंध या अस्थायी कार्यकाल के बाद नियमित होते हैं लेकिन पुलिस जवानों की भर्ती ही नियमित आधार पर होती है। ऐसे में इन पर पांच और चार साल की शर्त लगाने को तर्कसंगत नहीं माना जा रहा है। राज्य सरकार ने वेतन विसंगति को दूर कर दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की है। अभी प्रदेश पुलिस के करीब साढ़े पांच हजार जवानों की नौकरी पक्की है पर वेतन आधा अधूरा मिलता है।

आठ साल से कांस्टेबल आठ साल की शर्त के फेर में फंसे हुए हैं। कांस्टेबल की भर्ती नियमित आधार पर होती है लेेकिन वेतनमान अनुबंध कर्मी के बराबर मिलता है। प्रदेश का यह इकलौता ऐसा विभाग है जहां नियमित के बराबर वेतनमान आठ साल के सेवाकाल के बाद मिलता है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लागू हुई इस शर्त का खामियाजा हजारों पुलिस कर्मी भुगत रहे हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में आइजी सीटीएस एपी ङ्क्षसह की अगुवाई में कमेटी गठित की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाल ही में सरकार को सौंप दी है।

कब लगाई थी शर्त

हिमाचल में पहले कांस्टेबल को नियमित जैसा ही वेतनमान मिलता था लेकिन वर्ष 2012 में अनोखी शर्त जोड़ी गई। इस शर्त को कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के वित्त विभाग ने वर्ष 2013 से लागू कर दिया। इसके अनुसार कांस्टेबल का पद तो नियमित होगा पर पूरे वेतनमान के लिए आठ साल तक इंतजार करना होगा। इसके बाद पुलिस कल्याण संघ ने गृह विभाग, डीजीपी को कानूनी नोटिस दिया। इस बीच वर्ष 2015 में तत्कालीन सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए फैसले के बाद वर्ष 2013 के कांस्टेबल के बैच को तीन साल के सेवाकाल के बाद ही पे बैंड जारी कर दिया था। आदेश वर्ष 2016 में जारी किए। इसके बाद के सभी बैच के लिए आठ साल की ही शर्त लगा दी। अब यह शर्त खत्म हो जाएगी।

सरकार ने राहत दी है। इसके लिए आभार लेेकिन अभी अधूरा न्याय मिला है। दो साल के सेवाकाल के बाद ही पे बैंड के लाभ मिलें।

-रमेश चौहान, प्रदेशाध्यक्ष, पुलिस कल्याण संघ


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