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अब नहीं सताएगी मोटापे की चिंता, आइजीएमसी में हुई बेरियेट्रिक सर्जरी; आधुनिक तरीके से दिया अंजाम

अब हिमाचल के लोगों को मोटापे से निजात दिलाने के लिए शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आधुनिक तकनीकों के माध्यम से राहत देने की शुरूआत हो गई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 04:44 PM (IST)
अब नहीं सताएगी मोटापे की चिंता, आइजीएमसी में हुई बेरियेट्रिक सर्जरी; आधुनिक तरीके से दिया अंजाम
अब नहीं सताएगी मोटापे की चिंता, आइजीएमसी में हुई बेरियेट्रिक सर्जरी; आधुनिक तरीके से दिया अंजाम

शिमला, जागरण संवाददाता। मोटापा छुपाने में लाखों जतन करने के बावजूद इससे छुटकारा नहीं मिल रहा, इस बात से दुनिया के लाखों लोग परेशान हैं और इसका हल ढूंढने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। अब हिमाचल के लोगों को मोटापे से निजात दिलाने के लिए शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आधुनिक तकनीकों के माध्यम से राहत देने की शुरूआत हो गई है। आइजीएमसी का इतिहास शनिवार को ऐसी ही चार सर्जरी का गवाह बना। अस्पताल में शरीर से फालतू चर्बी निकालने के लिए एक मरीज की बैरियेट्रिक सर्जरी की गई। अस्पताल में इस प्रकार की पहली सर्जरी हुई है। इसके अलावा हर्निया के चार मरीजों की भी सर्जरी हुई। सर्जरी सुबह 8.30 बजे शुरू हुई। अंतिम सर्जरी दोपहर बाद 3 बजे पूरी हुई।

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रोबेटिक सर्जरी का डेमोनस्ट्रेशन स्क्रीन पर दिखाया

सर्जरी से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट और घुटने से संबंधित बीमारियां भी कम हो जाएंगी। डॉक्टरों की टीम ने लैप्रोस्कोपी से यह ऑपरेशन किए। मोटापे की सर्जरी में अमाशय से कुछ हिस्से को काटकर छोटा करते हैं, इससे इंसान चाहकर भी ज्यादा भोजन नहीं कर पाएगा। अगर कर भी लेगा तो उल्टी कर देगा। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर पर लगी मशीन में ऑपरेशन थियेटर में चल रही सर्जरी का लाइव प्रसारण देखा। इसके बाद ऑडिटोरियम में एमबीबीएस और नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं को लाइव ऑपरेशन से सीखने का मौका मिला।

मुंबई, दिल्ली कोलकाता के डॉक्टरों ने की सर्जरी

आइजीएमसी में सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. डीके वर्मा ने बताया कि गुजरात, लुधियाना, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता सहित देश के अन्य हिस्सों से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में पांच ऑपरेशन किए गए। इसमें आइजीएमसी के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया। सर्जरी के बाद रविवार को सर्जरी के विषय में आधुनिक तकनीकों के बारे में विशेष चर्चा की जाएगी। यह चर्चा आने वाले दिनों में सर्जरी के क्षेत्र में दिए जाने वाले इलाज में सहायक होगी।

आइजीएमसी के लिए ऐतिहासिक पल

आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया बैरियेट्रिक तरीके से की जाने वाली सर्जरी का पल अस्पताल के लिए ऐतिहासिक है। अत्याधिक मोटापे से परेशान लोगों को अपने राज्यों में ही यह सुविधा मिल सकेगी। बैरियेट्रिक सर्जरी के लिए मरीजों को बाहरी राज्यों का रूख करना पड़ता था और लाखों रूपये खर्च करने पड़ते थे। अब आइजीएमसी की फैकल्टी और जूनियर डॉक्टर प्रशिक्षित होकर जल्द यह सर्जरी कर पाएंगे।


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