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धर्मशाला में दिखेगी प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध की शौर्य गाथा Kangra News

Dharamshala war memorial प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध की शौर्य गाथा से धर्मशाला में स्थानीय लोगों सहित सैलानी रूबरू होंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 03:05 PM (IST)
धर्मशाला में दिखेगी प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध की शौर्य गाथा Kangra News

धर्मशाला, जेएनएन। प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध की शौर्य गाथा से धर्मशाला में स्थानीय लोगों सहित सैलानी रूबरू होंगे। इन युद्धों में विभिन्न देशों की सेनाओं ने जीत का परचम लहराने एवं विरोधियों को पस्त करने के लिए किन हथियारों का इस्तेमाल किया और किसके नेतृत्व में इन हथियारों का प्रयोग हुआ, इन सभी बातों की जानकारी अब एक छत के नीचे मिलेगी। प्रदेश का पहला राज्य युद्ध संग्रहालय अब आम नहीं होगा, बल्कि ये भारत की शौर्य गाथाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण देगा। संग्रहालय में सैनिकों के पुतलों के साथ युद्धों में प्रयोग हुए छोटे से लेकर बड़े हथियार रखे जाएंगे।

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युद्ध संग्रहालय धर्मशाला में शुक्रवार को 45 प्रकार के हथियार पहुंच गए हैं। जल्द ही इन सब हथियारों को संग्रहालय में सजाया जाएगा। सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक स्क्वाड्रन लीडर मनोज राणा ने बताया कि शुक्रवार को जबलपुर और नई दिल्ली से लाए जा रहे हथियार और अन्य सामान धर्मशाला पहुंच गया है। युद्ध संग्रहालय में जल्द भारत की तीनों सेनाओं से लाए गए हथियारों, विमान मॉडल, मैनक्विंस, कॉफी टेबल बुक और अन्य सॉफ्ट कॉपियों को सजा दिया जाएगा।

यह हथियार बताएंगे विजय गाथा

धर्मशाला लाए गए 45 प्रकार के हथियारों में मशीनगन, राइफल, मोर्टार, मोटर सहित प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयोग किए गए कुछ हथियार शामिल हैं। इसके अलावा भारत-पाक, भारत-चीन सहित अन्य देशों से हुए युद्धों में प्रयोग किए गए हथियारों को भी यहां लाया जा रहा है। इन हथियारों के साथ संग्रहालय के लिए विमान मॉडल, कॉफी टेबल बुक और अन्य सामान भी लाया गया है।

विजयंता टैंक भी बढ़ाएगा शोभा

इसके अलावा भारतीय सेना के विजयंता टैंक को भी संग्रहालय में रखा जाएगा, जिसके लिए प्लेटफार्म और संयुक्त भव्य गेट बनाया जाएगा। इससे पहले संग्रहालय परिसर में वायुसेना से मिले एचपीटी-32 और चैरिट क्राफ्ट्स तथा जलसेना के पोपेलर और एंकर को स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा देश की थल, जल और वायु सेना से जुड़े फोटो को भी संग्रहालय में लाया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों को हर हथियार की खासियत और ये कहां से लाए गए हैं इन सभी बातों की जानकारी लिखित व मौखिक दोनों रूपों में दी जाएगी।


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