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Air Pollution on Diwali : दीवाली पर खूब चले पटाखे; बढ़ी जहरीली गैसें, इन शहरों में ज्यादा प्रदूषण

Air Pollution on Diwali देवभूमि हिमाचल में दीवाली की रात जमकर पटाखे फोड़े गए। इस दौरान ग्रीन के साथ दूसरे पटाखे भी खूब चले। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में वायु प्रदूषण के स्तर के साथ जहरीले गैसों की मात्रा भी बढ़ी है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 05 Nov 2021 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 05 Nov 2021 10:10 PM (IST)
Air Pollution on Diwali : दीवाली पर खूब चले पटाखे; बढ़ी जहरीली गैसें, इन शहरों में ज्यादा प्रदूषण
दीवाली पर खूब पटाखे चलने से जहरीली गैसों में बढ़ोतरी हुई है। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। Air Pollution on Diwali, देवभूमि हिमाचल में दीवाली की रात जमकर पटाखे फोड़े गए। इस दौरान ग्रीन के साथ दूसरे पटाखे भी खूब चले। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में वायु प्रदूषण के स्तर के साथ जहरीले गैसों की मात्रा भी बढ़ी है। परवाणू, पांवटा साहिब और काला अम्ब में सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ा है। प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी प्रभाव पड़ा है, लेकिन वह इतना अधिक नहीं है। शिमला में अमोनिया गैस की मात्रा में सबसे ज्यादा अंतर देखने को मिला है। पटाखों के अधिक उपयोग के कारण नाइट्रोजन आक्साइड और अमोनिया मेें भी वृद्धि हुई है। इस दौरान सल्फर डाइआक्साइड की मात्रा में ज्यादा अंतर नहीं आया है।

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पटाखों में इस्तेमाल होने वाले बारूद का प्रभाव वायु के स्तर पर पड़ा है और इसने जहरीली गैसों के स्तर को बढ़ा दिया है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 28 अक्टूबर से लगातार हवा की गुणवत्ता की जांच कर रहा है। इसके लिए रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम) का स्तर भी जांचा जा रहा है। आरएसपीएम वायु में धूल कणों को बताता है, जिससे प्रदूषण के स्तर का पता चलता है। इसकी रिपोर्ट शनिवार को आएगी, जबकि अन्य गैसों के स्तर की रिपोर्ट आ गई है।

28 अक्टूबर से दीवाली की रात तक जहरीली गैसों का स्तर

स्थान,नाइट्रोजन आक्साइड,अमोनिया

परमाणू,4.5-13.3,0.1-0.17

पांवटा साहिब,15.1-21.5,0.48-1.94

काला अम्ब,12.9-19.7,1.0-1.87

धर्मशाला,4.5-4.5,0.6-0.79

मनाली,12.5-11.2,2.7-4.32

शिमला,4.5-4.5,1.7-6.3

बद्दी शहर का एक्यूआइ 155 पहुंचा

प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से आनलाइन अपलोड किए आंकड़ों के अनुसार बद्दी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 155, परवाणू का 145 और सोलन शहर का 142 पहुंच गया है। सामान्य तौर पर इन शहरों में हवा की गुणवत्ता 100 से कम रहती है, जो स्वास्थ्य के लिए यलो श्रेणी में आती है। पटाखे व आतिशबाजी की वजह से हवा की गुणवत्ता काफी खराब हुई है।


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